नोटबंदी से मालामाल हुए थे सुनार, अब इनकम टैक्स की है पैनी नजर

नई दिल्ली : भारत में नोटबंदी के समय सुनारों ने जमकर पुराने नोट लेकर सोना बेचा था. पिछले कई सालों से लोग कालाधन खपाने पर इस बार में आम चर्चा करते रहे हैं. लेकिन अब इसी बात को इनकम टैक्स ने गंभीरता से ले लिया है. विभाग ने नोटबंदी के दौरान काले धन को ठिकाने लगाने पर संज्ञान लेते हुए देशभर के करीब 15 हजार सुनारों को नोटिस भेजा है.

बताते चलें कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक से नोटबंदी का ऐलान किया था. 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए. सुनारों को उस दौरान इस दौरान छूट मिली थी और इसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया. मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि उस समय ऐसे लोग आ रहे थे जो कैश के बदले गोल्ड और डायमंड जूलरी की जमकर खरीदारी की. जितनी बिक्री दो सप्ताह में होती थी, वह एक दिन में होने लगी. तीन महीने पहले इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे सुनारों की निशानदेही कर टैक्स नोटिस भेजना शुरू किया है.

सुनारों के संगठनों का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से पूरे देश में करीब 15000 जूलर्स को इस तरह के नोटिस भेजे गए हैं. सुनारों काआरोप है कि टैक्स डिपार्टमेंट जूलर्स से करीब 50 हजार करोड़ उगाही करना चाहता है.  

उल्लेखनीय है कि नोटबंदी की घोषणा के मात्र कुछ ही घंटों में सुनारों ने भारी प्रीमियम के साथ अपना पूरा स्टॉक बेच दिया था और इतनी कमाई की थी, जो उसे आम तौर पर दो हफ्ते में होती थी. उन्हें लगभग तीन महीने पहले कर नोटिस मिला है, जिसमें उनकी कमाई के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी गई है.

Web Title : GOLDSMITH, WHO WAS RICH IN DEMONETIZATION, NOW HAS A CLOSE EYE ON INCOME TAX

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