कॉरपोरेट टैक्‍स पर कंपनियों को बड़ी राहत, सदन से इस बिल को मिली मंजूरी

नई दिल्‍ली : मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में उतरने वाली कंपनियों के लिए एक अच्‍छी खबर है. दरअसल, संसद ने कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी है. इस विधेयक में एक अक्टूबर, 2019 के बाद मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में उतरने वाली और 2023 तक उत्पादन कार्य शुरू करने वाली कंपनियों को 15 प्रतिशत की घटी दर से टैक्‍स देने का प्रावधान किया गया है. हालांकि, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, खनन कंपनियों और पुस्तक छपाई का काम मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की घटी दर के लिए पात्र नहीं होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर विकास चाहे वह किसी भी तरीके से अथवा किसी भी मीडिया में हो, खनन, मार्बल ब्लाक में परिवर्तन, सिलेंडर में गैस भरने का काम, पुस्तकों की छपाई और सिनेमाटोग्राफी फिल्म के उत्पादन कार्य को मैन्‍युफैक्‍चरिंग की नकारात्मक सूची में रखा गया है.   इन क्षेत्रों में उतरने वाली कंपनियों को घटी टैक्‍स रेट का लाभ नहीं मिल सकेगा. हालांकि, उनके समक्ष 22 फीसदी टैक्‍स रेट को अपनाने का विकल्प होगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि जो भी कंपनियों किसी तरह की अन्य छूट नहीं लेंगी उन्हें घटी टैक्‍स रेट का लाभ दिया जाएगा. इसी प्रकार मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में एक अक्टूबर के बाद उतरने वाली नई कंपनियों को केवल 15 फीसदी की दर से टैक्‍स देने की घोषणा की गई. सेस, सरचार्ज सहित 22 फीसदी के दायरे में आने वाली कंपनियों के लिए टैक्‍स की प्रभावी दर 25. 2 फीसदी और नई मैन्‍युफैक्‍चरिंग इकाइयों के लिये 17. 01 फीसदी तक पहुंच जाएगी.

वित्त मंत्री ने बताया कि कंपनी टैक्‍स में कमी भारत को निवेश का और ज्यादा आकर्षक स्थल बनाने के लिए की गई. इससे अमेरिका और चीन से बाहर निवेश की संभावनायें तलाश रही कंपनियों को आकर्षित किया जा सकेगा. सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिये सुधारों को आगे बढ़ाने का काम जारी रखने का वादा किया. बता दें कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई- सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि की दर घटकर 4. 5 फीसदी रह गई. यह पिछले छह साल का निचला स्तर है.

Web Title : MAJOR RELIEF TO CORPORATE TAX COMPANIES, HOUSE APPROVES BILL

Post Tags: