नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को येस बैंक केस में पूछताछ के लिए DHFL के प्रमोटर्स धीरज वधावन और कपिल वधावन को समन किया था लेकिन दोनों ने देश में कोरोना वायरस फैला होने का हवाला देकर पेश होने से इनकार कर दिया. जांच एजेंसी को दिए लिखित जवाब में दोनों प्रमोटर्स ने कहा कि देश के मौजूदा हालात में स्वास्थ्य प्राथमिकता है.
कपिल वधावन ने अपने जवाब में कहा, कोरोना वायरस के मौजूदा माहौल में सरकार ने यात्राएं सीमित रखने का निर्देश दिया है. ’ वहीं धीरज वधावन ने ED को चिट्ठी के जरिए सूचित किया कि “मेरी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए COVID-19 महामारी के मद्देनजर मुझे बहुत जोख़िम है. इसलिए मेरे स्वास्थ्य और सुरक्षा की खातिर मेरे लिए मुंबई वापसी की यात्रा करना मुश्किल है. मेरा आग्रह है कि आज के देश के माहौल में आप इसे समझेंगे, स्वास्थ्य ही प्राथमिकता है.
ED ने दोनों प्रमोटरों को येस बैंक केस के सिलसिले में जांच से जुड़ने के लिए 17 मार्च को बुलाया था. ED की ओर से येस बैंक मामले में DHFL की भूमिका की जांच की जा रही है. इसमें 3700 करोड़ का लेनदेन जांच के दायरे में है. जांच एजेंसियों का आरोप है कि DHFL ने येस बैंक से कर्ज लेने के लिए बैंक के संस्थापक राणा कपूर के परिवार की कंपनियों को 600 करोड़ रुपये घूस में दिए.
आरोपों पर DHFL के प्रमोटर्स ने ED को भेजी चिट्ठी में कहा है, DOIT को दिए गए कर्ज़ को राणा कपूर को घूस देना बताना गलत है. जहां तक 600 करोड़ रुपये के कर्ज का सवाल है तो ये 6 अचल संपत्तियों की ज़मानत मिलने के बाद दिए गए और इन संपत्तियों को गिरवी के तौर पर लिया गया. ऐसी जमानत में जोखिम कवर करने के लिए राधा कपूर (राणा कपूर की बेटी) की निजी गारंटी भी ली गई. उस वक्त राधा कपूर की संपत्ति 1400 करोड़ रुपये से ज्यादा थी. सूत्रों ने बताया कि ED की ओर से वधावन भाइयों को पूछताछ के लिए नई तारीख जारी की जाएगी. हालांकि चिट्ठी के जरिए उन्होंने अपने खिलाफ सारे आरोपों को खारिज किया.