दिल्ली यूनिवर्सिटी में बढ़ेंगी 16,000 जनरल सीटें

आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने से देशभर कै उच्चतर शैक्षिक संस्थानों में करीब 25 फीसदी सीटों को बढ़ाना होगा. अकेले दिल्ली यूनिवर्सिटी में करीब 16,000 सीटों का इजाफा करना होगा. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, दिल्ली और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रिहायशी संस्थान हैं जहां हॉस्टल की सीमित संख्या हैं. इन दोनों में सीमित संख्या में ही सीटें बढ़ाई जा सकेंगी. आईआईटी में 590 और जेएनयू में 346 सीटों का इजाफा होगा. वैसे दिल्ली शहर में इससे करीब 20,000 सीटों का इजाफा होने की उम्मीद है.  

देशभर की यूनिवर्सिटियों में लागू होने वाली आरक्षण पॉलिसी ने संस्थानों की चिंता बढ़ा दी है. ज्यादातर संस्थान अपने शैक्षिक बुनियादी ढांचे को लेकर परेशान हैं तो वहीं डीयू को वित्तीय बोझ को लेकर चिंता है. 10 फीसदी रिजर्वेशन को लागू करने के लिए आधारिक संरचना, प्रशासन और शिक्षकों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी. इसके लिए अतिरिक्त खर्च की जरूरत होगी लेकिन केंद्र सरकार से कोई सहायता नहीं मिलने की स्थिति में डीयू के लिए इसका प्रबंध करना मुश्किल होगा. डीयू प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, ´ऐसा करना मुश्किल है. ´ उन्होंने नए खर्चों को पूरा करने के लिए ट्युइशन फीस बढ़ाने की संभावना को लेकर झिझक जाहिर की है.  

रिहायशी यूनिवर्सिटियों पर भी कम दबाव नहीं है. उनको नए सेशन से तुरंत प्रभाव से कोटा को लागू करना होगा. आईआईटी दिल्ली को 590 और छात्रों के लिए बंदोबस्त करना होगा. जेएनयू और नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) को छात्रों के रहने-सहने का अतिरिक्त बंदोबस्त करना होगा. एनएलयू के रजिस्ट्रार जी. एस. बाजपेई ने कहा, ´चूंकि हम रिहायशी यूनिवर्सिटी हैं इसलिए हमें बड़ी संख्या में आने वाले छात्रों के लिए नए हॉस्टल बनाने पड़ेंगे. ´ उन्होंने कहा कि इसमें काफी समय लगेगा लेकिन इसी सेशन से कोटा करना होगा.  

कुछ संस्थानों के लिए जहां कोटे ने चिंता बढ़ी दी है वहीं दिल्ली के इंजिनियरिंग कॉलेजों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी. हम उदाहरण के लिए इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी को लेते हैं. वहां 10 फीसदी कोटा बढ़ाने से संस्थान में इंजिनियरिंग के 163 अतिरिक्त छात्रों को दाखिला मिलेगा. इससे उनकी कमाई बढ़ेगी.


Web Title : 16,000 GENERAL SEATS WILL IN DELHI UNIVERSITY

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