ब्लैक में मिल रही ऋण पुस्तिका!, किसान और आम लोगों को उठाने पड़ रही दिक्कतें

बालाघाट. जिला मुख्यालय सहित जिले में इन दिनो ऋण पुस्तिका की भारी कमी के कारण किसान और प्रापर्टी खरीददार सहित आम लोगो को परेशान होना पड़ रहा है. ऋण पुस्तिका की कमी को पटवारी और कानूनगो भी स्वीकार कर रहे है. जानकारी अनुसार विगत 6 माह से ऋण पुस्तिका के कमी के कारण नामांतरण और बंटवारा प्रक्रिया में लोगों को ऋण पुस्तिका नहीं मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके कारण कृषक ऋण एवं होम लोन जैसे कामो में कृषकों और आम लोगों को दिक्कतें उठानी पड़ रही है.  

ऋण पुस्तिका नहीं मिलने से परेशान कृषकों और आमजनों ने चर्चा में बताया कि उन्हें महिनों से ऋण पुस्तिका नहीं मिल रही है. वहीं सूत्रों की मानें तो ऋण पुस्तिका की जरूरत के अनुसार 10 से 20 रूपये में मिलने वाली ऋण पुस्तिका के लिए उन्हें कई गुना दाम चुकाने पड़ रहे है. सूत्रों का कहना है कि कोरी नई ऋण पुस्तिका के लिए हजार रूपये से डेढ़ हजार रूपये तक का खर्च उठाना पड़ रहा है. कोरी ऋण पुस्तिका में ब्लैक मार्केटिंग का काम जिम्मेदारों की मिलीभगत से किया जा रहा है. राजस्व विभाग के इस बड़े और गंभीर मामले की ओर अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना संदेह और मिलीभगत को उजागार करता है.

मिली जानकारी अनुसार नामांतरण, बंटवारा जैसी प्रक्रिया में लगने वाली नई ऋण पुस्तिका ग्वालियर बंदोबस्त कार्यालय से सभी जिला मुख्यालय के भू-अभिलेख कार्यालय में पहुंचाई जाती है. जहां से तहसीलदारों के माध्यम से पटवारियों को उपलब्ध करवाई जाती है, जिसके बाद यह हितग्राहियों को पटवारियों द्वारा नामांतरण और बंटवारा पश्चात ऋण पुस्तिका मंे जानकारी भरकर प्रदाय की जाती है. जिसकी जिले में कमी बताकर जिम्मेदारों द्वारा इसे सरेआम ब्लैक में बेचकर आर्थिक स्वाथपूर्ति करने का काम किया जा रहा है. जो प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है, जिस पर कोई रोक नहीं होने से ऐसे करने वाले जिम्मेदारों को संरक्षण मिल रहा है और वह ऋण पुस्तिका की कमी बताकर चांदी काटने का काम कर रहे है.

जानकारों की मानें तो बालाघाट के भू-अभिलेख कार्यालय में नई ऋण पुस्तिका पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन ऋण पुस्तिका तहसील कार्यालय और पटवारियों तक नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण हितग्राहियों को समय पर ऋण पुस्तिका नहीं मिलने से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है. अब देखना है कि जिला प्रशासन किसान और आम लोगों से जुड़े इस गंभीर मामले को लेकर क्या रूख अपनाता है.

10 और 20 रूपये की ऋण पुस्तिका के चुकाने पड़ रहे महंगे दाम

बालाघाट सहित पूरे जिले में नामांतरण और बंटवारे के कई मामले है, जिसमें उन्हें ऋण पुस्तिका की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कृषक ऋण, होम लोन, बैंक लोन और धान पंजीयन के लिए भी किसानों को ऋण पुस्तिका की आवश्यकता पड़ती है, जो मात्र 10 और 20 रूपये आती है लेकिन वर्तमान समय में इसकी किल्लत बताकर इसे एक हजार रूपये से लेकर डेढ़ हजार रूपये में बेचकर आर्थिक स्वार्थपूर्ति की जा रही है. जिस पर ध्यान नहीं दिया जाना, समझ से परे है.


इनका कहना है

बीते 6 माह से पटवारियों को पर्याप्त मात्रा में नई ऋण पुस्तिका नहीं मिल रही है. जिससे पटवारियों को आम लोगों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में पटवारी हितग्राहियों के आक्रोश का कारण बन रहे है. इस मामले में संगठन की ओर से कई बार निवेदन करने के बाद भी हमें पर्याप्त ऋण पुस्तिका मुहैया नहीं हो पा रही है.

अरूण बिरनवार, अध्यक्ष, तहसील पटवारी संघ

यह सही है कि ऋण पुस्तिका की कमी बनी हुई है. हमें भू-अभिलेख कार्यालय से ऋण पुस्तिका कम मिल रही है. जिसके कारण जितनी हमें नई ऋण पुस्तिका मिलती है, हम उसका वितरण पटवारियों को कर देते है.  

श्री दमाहे, कानूनगो, तहसील कार्यालय बालाघाट


Web Title : BLACK LOAN BOOKLETS!, FARMERS AND COMMON PEOPLE FACE PROBLEMS