दिव्यांग छात्र दिव्यांग जनों के घर पहुंचा रहे खाद्यान्न

बालाघाट. मुख्यालय में स्थित भारत दिव्यांग विशेष विद्यालय के दिव्यांग, अनाथ छात्र कोरोना महामारी से देश और दुनिया को बचाने के उद्देश्य से दानदाताओं द्वारा उपलब्ध कराई गई खाद्य सामग्री को दिव्यांग जनों, वृद्धजनों, कल्याणी, परित्यकता तथा जरूरतमंदो के घर पहुंचा रहे है. विद्यालय के संचालक भारत मेश्राम ने बताया कि दिव्यांग अनाथ बच्चे बैठे-बैठे 5 किलो चांवल, एक किलो दाल-तेल के बैग बनाते है और उनके द्वारा सहयोगी सुरेन्द्र खोबरागड़े के साथ जरूरतमंदो के घर जाकर खाद्य सामग्री प्रदान की जाती है. उनके द्वारा शहर के 200 दिव्यांग, वृद्धजन, कल्याणी, परित्यकता एवं जरूरतमंदो की सूची बनाई गई है और उन्हें फोन करके बारी-बारी से सुविधानुसार खाद्यान्न दिया जा रहा है. श्री भारत मेश्राम ने बताया कि ऐसे संकट की घड़ी में नियमों का पालन और भूखे को खाने के लिए अनाज पहुंचाना भी जरूरी है और उनकी यह टीम अपना कार्य सेवा भाव के साथ कर रही है.

खाद्यान्न बैंक में अब तक 4510 किलोग्राम चावल, 764 किलो दाल एवं अन्य सामग्री दान में प्राप्त

कोरोना महामारी से निपटने के लिए संपूर्ण देश में 14 अप्रैल तक के लिए टोटल लाख डाउन घोषित किया गया है. टोटल लाक डाउन होने के कारण गरीब असहाय लोगों को भोजन की समस्या ना हो और उन्हें पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराया जा सके इसके लिए कलेक्टर दीपक कार्य की पहल पर बालाघाट जिले में खाद्यान्न बैंक बनाया गया है और इसके लिए दानदाताओं से अपील की गई है कि वे अनाज एवं खाद्य सामग्री का दान करें. खाद्यान्न बैंक के नोडल अधिकारी सहायक कलेक्टर अक्षय तेम्रावाल के मार्गदर्शन में दानदाताओं से खाद्यान्न एकत्र कर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. कलेक्टर श्री आर्य की पहल पर जिले के नागरिकों ने सकारात्मक रूख अपनाया है और गरीबों की मदद के लिए खद्यान्न का दान देने में बड़ी संख्या में आगे आये है. अब तक जिले में बनाये गये खाद्यान्न बैंक में 4510 किलोग्राम चावल, 764 किलोग्राम दाल, 205 किलो पोहा, 65 किलो गेहूं, 600 किलो शक्कर, 878 लिटर तेल, 540 किलो नमक, 3273 किलो आटा, 6 किलो चना एवं 16 किलो मुर्रा दान में प्राप्त हो चुका है.

जिले के दानदाताओं से अपील की गई है कि यदि कोई व्यक्ति अनाज, दाल, तेल आदि खाद्य सामग्री दान में देना चाहे तो दूरभाष नंबर 07632-240430 पर सम्पर्क करें. अनाज का दान करने वाले व्यक्तियों द्वारा सूचित किए जाने पर वाहन भेजकर उनके पास से अनाज का संग्रहण कर लिया जायेगा. जिला मुख्यालय से बाहर के दानदाता अनाज दान करने के लिए अपने क्षेत्र के एसडीएम से संपर्क कर सकते हैं.

07 अप्रैल को रोमेश मिश्रा, पुलिस लाइन के पीछे बालाघाट द्वारा 15 किलो दाल, 25 किलो आटा, 10 पैकेट नमक, 20 लीटर तेल, साधना ठाकुर, प्रसाद शर्मा, रूपवर्षा गैलरी बालाघाट द्वारा चावल 25 किलो, 25 किलो, 4 लीटर जेल, रानीदुर्गावती महिला मण्डल बूढ़ी द्वारा चावल 75 किलो, आलू प्याज 25 किलो, टमाटर 25 किलो एवं अनाज किराना तेल होलसेल व्यापारी संघ द्वारा दाल 500 किलो, आटा 1000 किलो, तेल 500 लीटर, शक्कर 500 किलो दान में दिया गया है. खाद्यान्न बैंक में जमा खाद्य सामग्री जरूरत मंद लोगों को वितरित भी की जा रही है. खाद्यान्न बैंक में सर्व शिक्षा अभियान के सहायक यंत्री भास्कर शिव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी वाजिद मोहिब एवं जिला पंचायत के रवि पालेवार द्वारा सेवायें दी जा रही है और दानदाता द्वारा दूरभाष नंबर 07632-240430 पर सूचना प्राप्त होने पर उनके घर जाकर दान में प्राप्त खाद्यान्न एकत्र किया जा रहा है.

24 हजार 920 हितग्राहियों को 1246 क्विंटल चावल का निःशुल्क वितरण

कोरोना महामारी संकट से निपटने के लिए प्रदेश शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर दीपक आर्य के मार्गदर्शन में जिले के राशन कार्ड धारक उपभोक्ताओं को तीन माह का खाद्यान्न एकमुश्त वितरित किया गया है. इसके साथ ही जिन हितग्राहियों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है उन्हें प्रति सदस्य 5 किलोग्राम चावल निरूशुल्क प्रदान किया जा रहा है. जिससे कोई भी व्यक्ति अनाज की कमी से भूखा नहीं रह पायेगा. जिला आपूर्ति अधिकारी एस. एच. चौधरी ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिले के राशन कार्ड धारक उपभोक्ताओं को माह मार्च, अप्रैल एवं मई 2020 एक मुश्त खद्यान्न वितरण किया जा रहा है. अब तक जिले के राशन कार्ड धारक हितग्राहियों को तीन माह के एकमुश्त खद्यान्न के रूप में 47 हजार 679 क्विंटल गेहूं एवं 73 हजार 763 क्विंटल चावल का वितरण किया जा चुका है. इसी प्रकार निरूशुल्क राशन वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें प्रति सदस्य 5 किलोग्राम चावल दिया जा रहा है. जिले में ऐसे 24 हजार 920 हितग्राहियों को 1246 क्विंटल चावल का वितरण कर दिया गया है.


Web Title : DISABLED STUDENTS DELIVER FOOD GRAINS TO DIVYANGJANS HOMES