बालाघाट. मध्यप्रदेश सरकार के नवगठित कर्मचारी आयोग की प्रथम बैठक 19 फरवरी को आयोग कार्यालय भोपाल में आहूत की गई थी. बैठक में कर्मचारी आयोग अध्यक्ष अजय नाथ, सदस्य वीरेन्द्र खोंगल, अखिलेख अग्रवाल, योगेश कुमार सोनगरिया एवं वित्त सचिव मौजूद थे. जिसमें कर्मचारियों की आर्थिक, अनार्थिक एवं नीतिगत समस्याओं को लेकर कर्मचारी संगठन ने अपनी बात रखी. बालाघाट से कर्मचारी आयोग की बैठक में पहुंचे मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस जिलाध्यक्ष सजल मस्की ने जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओ को रखा. जिसमें खासकर औपचारिकेत्तर शिक्षा केन्द्र के अनुदेशक की निरंतरता की शर्त हटाकर प्राथमिक शिक्षक में नियुक्ति, वनसुरक्षा श्रमिकों की विधिवत नीति तैयार करने, जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान लाभ, जन अभियान परिषद के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान और कोषालय से वेतन भुगतान, डाटा इंट्री ऑपरेटर ग्रेड-पे 24 सौ रूपये किये जाने, उद्यान विकास अधिकारी से वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी में पदोन्नति, सर्वेक्षण सहायकों की नियुक्ति, शिक्षा विभाग एवं अन्य विभाग में आउटसोर्स से कार्यरत कम्प्युटर ऑपरेटर की नियमित पद पर नियुक्ति, हेंडपंप टेक्निशियन की 90 प्रतिशत वेतन वृद्धि, लिपिकों की वेतन उन्नयन, जन स्वास्थ्य रक्षक की नियुक्ति, शिक्षकों का पदनाम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं रसोईयों की नियमित नियुक्ति के लिए नीति बनाये जाने, दैनिक वेतन भोगी को नियमित करने सहित अन्य समस्याओं को रखा गया.
जिसमें आयोग अध्यक्ष द्वारा समस्त प्रकरणों में गंभीरता से सुनवाई कर विभागीय तौर पर विभागाध्यक्ष से चर्चा करके समस्त कर्मचारियो की मांगो के निराकरण का आश्वासन दिया गया. इस दौरान बालाघाट से पहुंचे मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष सजल मस्की, अनुदेशक प्रकोष्ठ अध्यक्ष कन्हैयालाल राहंगडाले, कोषाध्यक्ष मतेश यादव सहित संगठन के प्रदेश पदाधिकारी मौजूद थे.