कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सेंपल ले रही हैं महिला चिकित्सक, संक्रमण के खतरे से जूझते हुए जिम्मेदारी से कर रहीं हैं ड्यूटी

बालाघाट. जिला चिकित्सालय बालाघाट में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सेंपल टेस्ट के लिए आईसीएमआर लैब जबलपुर भेजने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. डॉ. भजन लिल्हारे को कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सेंपल लेने के लिए बनाई गई टीम का प्रभारी बनाया गया है. इस टीम की महिला चिकित्सक कोरोना संक्रमण के खतरे से जूझते हुए अपनी ड्यूटी को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रही है. सभी महिला चिकित्सक पूरी सुरक्षा एवं सावधानी के साथ सेंपल लेने का कार्य कर रही है. इसके बाद भी मन में संक्रमित होने का डर बना रहता है. कोरोना सेंपल टीम की महिला सदस्यों का काम अनुकरणीय एवं प्रेरणास्पद है.

डॉ. निकिता श्रीवास्त्री (सोलंकी) को अपने काम पर गर्व है

डॉ. निकिता श्रीवास्त्री (सोलंकी) जिला अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग टीम में शामिल है. वे पिछले 80 दिनों से कोरोना के संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेकर जबलपुर भेज रही हैं और इस लंबे अंतराल में वे अभी तक अपने घर भी नहीं जा पाई है. डॉ. निकिता बताती है कि इनकी टीम द्वारा अब तक 900 से अधिक लोगो के सैंपल लिए जा चुके है. डॉ. निकिता को अपने इस काम पर गर्व होता है, वह कहती हैं कि आज मै देश के काम आ रही हूं. मेरा मानना है कि इस छोटी सी जिंदगी में अपने लिए सब जीते है पर दूसरो की सेवा करना ही मानव धर्म है और मेरा परिवार इस लड़ाई में मेरी हिम्मत बन कर खड़ा है. इस कोरोना की लड़ाई में मुझे मेरे पूरे परिवार का बहुत सहयोग मिला है. खासकर मेरे माता-पिता और पति का जो समय समय पर मुझे मार्गदर्शन देते रहते है. डॉ. निकिता कहती हैं कि हम सब मिलकर ही इस वैश्विक महामारी को हरा पाएंगे. इसके लिए सावधानी रखें और अपनी जिम्मेदारी को समझे.  

डॉ. रंजना भूते को सैनिक भाई से मिलती है देश सेवा की प्रेरणा

कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सेंपल लेने वाली टीम में डॉ. रंजना भूते भी शामिल है. डॉ रंजना बताती हैं कि मैं अपने घर में सबसे छोटी बेटी हूं एवं एक चिकित्सक हूँ. मुझे अपने बड़े भाई जो कि एक सैनिक हैं, से देश सेवा की प्रेरणा मिलती है. इसी के परिणामस्वरूप मैं इस वैश्विक महामारी कोविड-19 में सेम्पल टीम का हिस्सा बनी हूं और देश की सेवा में सहयोग प्रदान कर रहीं हूँ जिसका मुझे गर्व है.

इसी टीम का हिस्सा डॉ. कल्पना शेंडे भी है. डॉ. कल्पना बताती है कि यहाँ आने के लिए मुझे मेरे पिता ने प्रोत्साहित किया. जिसके कारण आज मैं सैम्पल टीम का हिस्सा बन गई हूँ. मैं अपने चिकित्सक होने और देश की सेवा करने मे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ. कोरोना संकट के कारण पिछले एक माह से अपने घर नहीं गई हूँ, परन्तु मुझे खुशी है कि आज इस महामारी के दौर में मै देश की सेवा कर रही हूँ. कोरोना सेंपल टीम की एक और सदस्य है डॉ. पायल लिल्हारे. डॉ. लिल्हारे बताती है कि उन्हें लगातार संधिग्ध मरीजों के सेम्पल लेना पड़ता है, जिसके चलते उन्हें खुद के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. लेकिन फिर भी वह अपने माता-पिता और भाई से दूर रह कर बिना किसी संकोच के पूरी सावधानी पूर्वक मरीजों का सेम्पल ले रहीं है.

कोरोना सेंपल टीम की इन महिला चिकित्सकों पर संदिग्ध मरीजों के सेंपल लेने के साथ ही उन्हें सही ढंग से सुरक्षित रखने एवं आईसीएमआर लैब जबलपुर भेजने की जिम्मेदारी है. इनकी थोड़ी सी असावधानी से लैब में सेंपल रिजेक्ट हो सकता है. अतः वे अपना काम पूरी सर्तकता, सावधानी एवं जिम्मेदारी के साथ करती है. सुरक्षा के सभी उपाय करने के बाद भी उन्हें संक्रमित होने का डर बना रहता है.


Web Title : FEMALE DOCTORS, WHO ARE TAKING SAMPLES OF SUSPECTED CORONA PATIENTS, ARE ON DUTY RESPONSIBLY STRUGGLING WITH THE RISK OF INFECTION

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