राष्ट्रीय साहित्य एवं पुरातत्व के 18 वें सम्मेलन में जुटे साहित्यकार

बालाघाट. बालाघाट इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्राहालय, महाराणा प्रताप मेमोरियल समिति, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ, आदिवासी महाकवि कालिदास पण्डो मंच तथा वीर अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में बालाघाट में राष्ट्रीय साहित्य एवं पुरातत्व का 18 वां महाभव्य अनुष्ठान तथा प्रथम राष्ट्रीय संगोष्ठी, 70 वर्षों से अधिक महानुभाव का दिवंगतों की स्मृति सम्मान समारोह बालाघाट इतिहास एवं पुरातत्व संग्राहलय में आज 23 फरवरी को आयोजित किया गया. जिसमें बतौर अतिथि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पेन्द्रसिंह, नई दिल्ली से साहित्यकार सीतारामसिंह चौहान, गाजियाबाद से जगदीशचंद वर्मा, सुधीरसिंह सुधाकर, झांसी से ओमप्रकाश हरायण, सुधीर खरे, छत्तीसगढ़ चापा तहसीलदार डॉ. राम विजय शर्मा और कोरबा से लालजी साहु बतौर अतिथि के रूप में उपस्थित थे.

जहां आयोजक बालाघाट इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्राहध्यक्ष आचार्य डॉ. वीरेन्द्र सिंह गहरवार, गंगोत्री वार्षिक राष्ट्रीय पत्रिका प्रधान संपादक श्रीमती कविता गहरवार, श्रीमती शीला सिंह राठौर, निशांत सिंह बैस, गणेश प्रसाद यादव, समीरसिंह गहरवार द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया. इस दौरान कार्यक्रम का आयोजन तीन चरणों में किया गया. जिसमें प्रथम चरण में प्रातः 11 से 1 दोपहर तक साहित्य एवं पुरातत्व संगोष्ठी विषय में ‘‘हिन्दू-हिन्द की प्रासंगिकता’’, ‘‘आदिवासी महाकवि कालिदास पण्डो चिंतन’’ तथा ‘‘महापुरुषों का योगदान तथा वर्तमान परिदृश्य में महत्व’’ पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे. द्वितीय चरण में दोपहर 2 से सायं 4 बजे तक ‘‘अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा’’ में साहित्यकारों और कवि ने अपनी स्वरचित काव्य का पाठ किया. जबकि तृतीय चरण में सायं 4 से रात्रि 8 तक ‘‘गंगोत्री’’ वार्षिक गद्य-पद्य पत्रिका का 18 वां अंक तथा अन्य पत्रिकाओं का विमोचन किया गया. इस अवसर पर अतिथि विद्वानों द्वारा, साहित्यविद, पुरातत्वविद, इतिहासविद, समाज शास्त्रियों का अभिनन्दन-पत्र, स्मृतिचिन्ह, शाल श्रीफलों से सम्मानित किया गया.  


Web Title : LITERATORS ENGAGED IN 18TH CONFERENCE OF NATIONAL LITERATURE AND ARCHAEOLOGY