लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा रिश्वतखोर मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे, एलआईसी के सामने 7 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा

बालाघाट. तीन वर्ष की असेसमेंट रिपोर्ट बनाने व्यापारी से रिश्वत मांग रहे मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे को आज दोपहर 12 से 1 बजे के बीच जबलपुर लोकायुक्त उपपुलिस अधीक्षक दिलीप झरवड़े के नेतृत्व में लोकायुक्त पुलिस टीम ने 7 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा.  

वर्षो से रिश्वतखोर मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे लालबर्रा मंडी में पदस्थ है. बताया जाता है कि बाबु से मंडी निरीक्षक बने प्रदीप उरोडे की हर काम में रिश्वत लेने की आदत थी और अपनी इसी आदत के चलते लालबर्रा के व्यापारी संजय अग्रवाल से उसने तीन वर्ष, वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 का असेसमेंट बनाने के एवज में 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी. चूंकि दो वर्ष बीमार होने के कारण व्यापारी संजय अग्रवाल अपनी असेसमेंट नहीं बना सके थे. इस बार असेसमेंट बनाने के लिए व्यापारी संजय अग्रवाल ने मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे से संपर्क किया तो उसके ऐवज में मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे ने 10 हजार रूपये की मांग की थी, जिसमें मोलभाव के बाद मंडी निरीक्षक ने व्यापारी संजय अग्रवाल को 7 हजार रूपये लेकर आज बालाघाट में एलआईसी कार्यालय के सामने बुलाया था. जिसकी शिकायत व्यापारी संजय अग्रवाल ने लोकायुक्त पुलिस को की थी.  

जिसके बाद व्यापारी संजय अग्रवाल मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे को आज दोपहर एलआईसी कार्यालय के सामने असेसमेंट बनाने के लिए मांगी गई 7 हजार रूपये की रिश्वत की रकम देने पहुंचे थे, जैसे ही उन्होंने कार्यालय के सामने मंडी निरीक्षक को रिश्वत की रकम 7 हजार रूपये दी, वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उस धर दबोचा. जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस रिश्वतखोर मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे को लेकर जयस्तंभ के पास रेस्ट हाउस पहुंची, जहां लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की. मिली जानकारी के अनुसार लोकायुक्त पुलिस ने नगर के सरस्वती नगर स्थित उसके आवास में भी छानबीन की है. जहां से भी लोकायुक्त पुलिस को उसके बारे में कई ओर जानकारी मिलने की बात कही जा रही है. हालांकि लोकायुक्त पुलिस ने अभी इस मामले में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है.

मिली जानकारी अनुसार लालबर्रा मंडी में मंडी निरीक्षक प्रदीप उरोडे कई वर्षो से पदस्थ है, जहां से वह काली कमाई कर अकूत संपत्ति बना चुका है, सूत्रों की मानें तो हर काम में रिश्वत मांगने वाले इस मंडी निरीक्षक ने अब तक अपनी काली कमाई से काफी संपत्ति अर्जित कर चुका है. जिसकी भी जांच लोकायुक्त पुलिस ने प्रारंभ कर दी है.  

आज जबलपुर लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वतखोर प्रदीप उरोडे को रंगेहाथ गिरफ्तार करने में उपपुलिस अधीक्षक दिलीप झरबड़े, निरीक्षक कमलसिंह उईके, आरक्षक अतुल श्रीवास्तव, जुवेद खान, सोनु चौकसे, शरद पांडे और आरक्षक चालक राकेश विश्वकर्मा की भूमिका सराहनीय रही.


इनका कहना है

विगत दो वर्षो से बीमार होने के कारण असेसमेंट नहीं बना सका था. इस बार असेसमेंट बनाने के लिए मंडी निरीक्षक से संपर्क किया तो उसने 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी. मोलभाव के बाद मंडी निरीक्षक ने आज 7 हजार रूपये लेकर मुझे बालाघाट एलआईसी कार्यालय के सामने बुलाया था. जिसकी शिकायत मेरे द्वारा लोकायुक्त पुलिस को की गई थी. आज जब मैं 7 हजार रूपये लेकर मंडी निरीक्षक को देने गया था. जैसे ही मैने रूपये दिये, लोकायुक्त पुलिस ने उसे पकड़ लिया.

संजय अग्रवाल, शिकायतकर्ता

शिकायतकर्ता संजय अग्रवाल से उन्हें मंडी निरीक्षक द्वारा 7 हजार रूपये रिश्वत मांगने की शिकायत की गई थी. जिस पर आज लोकायुक्त पुलिस ने मंडी निरीक्षक को 7 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए एलआईसी कार्यालय के सामने से रंगेहाथ पकड़ा है. जिसके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है.

दिलीप झरबड़े, उप पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त पुलिस, जबलपुर


Web Title : LOKAYUKTAS MURDERED BRIBERY MANDI INSPECTOR PRADEEP URODE CAUGHT BY LOKAYUKTA POLICE TAKING 7,000 BRIBES BEFORE LIC