श्रद्वा और आस्था के साथ मनाया गया मकर संक्रांति पर्व,मंदिर और घरों में की पूजा अर्चना, पिकनिक स्थलों पर लगी रही भीड़

बालाघाट. भारत में मकर संक्रांति के पर्व, अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है. ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है. वर्तमान में यह त्यौहार जनवरी माह के पन्द्रहवें दिन में मनाया जाने लगा है. विगत कुछ वर्ष से अब मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाने लगा है. ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाना चाहिये. चूंकि मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. हिन्दू पंचांग और धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्य का मकर राशी में प्रवेश 14 की शाम को हो रहा हैं. शास्त्रों के अनुसार रात में संक्रांति नहीं मनाते तो अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उत्सव मनाया जाना चाहिए. इसलिए मकर संक्रांति 14 की जगह 15 जनवरी को मनाई जाने लगी है.  

बालाघाट में भी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व पूरी श्रद्वा और आस्था के साथ मनाया गया. चूंकि मकर संक्रान्ति पर गंगास्नान एवं गंगातट पर दान को अत्यन्त शुभ माना गया है. इसी के चलते वैनंगा नदी पर बने बजरंग घाट, शंकरघाट, जागपुर घाट और वैनगंगा नदी में सुबह, सुबह लोगों ने गंगा स्नान किया और वैनगंगा किनारे स्थित शहर के वैनगंगा नदी के घाटों एवं मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. जहां लोगो नें सूर्य को जल का  अर्ध्य देकर सूर्य भगवान की पूजा की.  

इस दिन सभी विवाहित महिलाएँ अपनी पहली संक्रान्ति पर कपास, तेल एवं नमक आदि चीजें अन्य सुहागिन महिलाओं को दान करती हैं. तिल-गूल नामक हलवे के बाँटने की प्रथा भी है. लोग एक दूसरे को तिल गुड़ देते हैं 

इस दिन महिलाएँ आपस में तिल, गुड़, रोली और हल्दी बाँटती हैं. इस पर्व पर तिल के तेल से स्नान एवं तिल का सेंवन करना शुभ मना जाता है. इसी धार्मिक मान्यता के चलते श्रद्धालु मकर संक्राति पर तिल एवं गुड़ के लड्डु एवं अन्य व्यंजन तैयार कर उसका सेवन करते हैं.

नगर से लगे बाटनीकल गार्डन, वैनगंगा नदी के किनारे, आमाघाट, शंकरघाट, बजरंग घाट और भरवेली क्षेत्र के गांगुलपारा सहित जिले के प्राकृतिक पिकनिक स्थल और धार्मिक स्थलो में पहुंचकर लोगों ने मकर संक्रांति का पर्व पर जमकर पिकनिक का लुत्फ उठाया. जिसमें बच्चों से लेकर युवा, युवती, महिलायें, पुरूष और बुजुर्गो ने अपने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तो के साथ पहुंचकर पिकनिक का आनंद लिया.  

मकर संक्राति पर्व पर गांगुलपारा, वनस्पति उद्यान सहित पावन सलिला वैनगंगा के शंकर घाट, बजरंगघाट, आमाघाट पर पिकनिक मनाने आए लोगों की खासी भीड़ रही. इन स्थलों पर मेले जैसी स्थित रही. लोग परिवार और दोस्तों के साथ यहां आकर पिकनिक मनाते नजर आएं. इन स्थलों पर लगी चौपाटी का पिकनिक मनाने पहुंचे लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया.

शहर के शंकरघाट, बजरंगघाट व वनस्पति उद्यान के पीछे नदी की तरफ में मेले की स्थिति में पुलिस व्यवस्था भी मुस्तैद रही. यहां लाईफ जैकेट, किसी के डूबने पर बचाव के इंतजाम और अन्य सुरक्षा के इंतजाम के साथ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस बल मौजूद रहा.  

Web Title : MAKAR SANKRANTI FESTIVAL CELEBRATED WITH SHRAMWA AND FAITH, WORSHIP OF TEMPLES AND HOUSES, CROWDS AT PICNIC SPOTS