वारासिवनी. टेªक्टर यूनियन के तत्वावधान में जारी काम बंद हडताल के चौथे दिन 5 फरवरी को रैली निकालकर अपनी 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन खनिज निगम अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल एवं एसडीएम संदीप सिंह को सौंपा. ज्ञापन की मांगों के निराकरण नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी प्रदर्शनकारियों ने दी.
जानकारी अनुसार क्षेत्र के लगभग 6 हजार से अधिक परिवारों का जीवनयापन का माध्यम ट्रेक्टर संचालन व्यवसाय इन दिनों रेत ठेकेदार एवं विभाग की गलत नीति एवं कार्यप्रणाली के कारण लगभग ठप्प पड़ा है. जिसका दुश्प्रभाव लगभग 200 ट्रेक्टर मालिक एवं हजारों मजदूरों के परिवार के भरण पोशण पर पड़ रहा है. टेªक्टर यूनियन द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्षन में सभा लेकर जमकर नारेबाजी की गई. जिसमे प्रषासन एवं रेत ठेकेदार पर टेªक्टर मालिकों का षोशण किये जाने का आरोप लगाया गया. वही सांकेतिक रूप से टेªक्टर रैली निकालकर नगर भ्रमण किया गया. जिसके बाद क्षेत्रीय विधायक प्रदीप जायसवाल के जनसंपर्क कार्यालय में और एसडीएम संदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा गया. जिस पर एसडीएम ने तत्काल समाधान प्रयास किये जाने की बात कही.
यूनियन के अध्यक्ष मिश्रीलाल कटरे ने कहा कि गत दिनों बालाघाट में रेत ठेकेदार द्वारा पत्रकार वार्ता लेकर सभी तहसीलों मे रेत वितरण केन्द्र खोलकर 12 सौ रूपये में घर पहुंच रेत उपलब्ध किये जाने की घोशणा मीडिया के समझ की थी. जिसका समाचार मीडिया मे प्रमुखता से प्रकाषित किया गया. रेत ठेकेदार अपना वादा पूरा करे. उन्होंने कहा कि रायल्टी अधिक होने के कारण रेत उपभोक्ता उतना रेट नही देता और नगर मे चल रही बिना रायल्टी की सैकडों बैलगाडी कम कीमत में रेत की आपूर्ति कर रहे है. जिसके कारण ट्रेक्टर मालिकों एवं मजदूर को कार्य नही मिल पा रहा है. पूर्व के वर्शों की तरह रेत डंप प्रारंभ किया जाये. जिससे टेªक्टर से जुडे लोगों का रोजगार मिलता है. रेत डंप में टेªक्टर वालों को पूर्व वर्श से अधिक दर दिया जाये, क्योकि डीजल के रेट पहले से लगभग 20 रूपये की बढौतरी हो गई है. असपाक खान ने कहा कि माईनिंग, राजस्व, परिवहन एवं पुलिस विभाग द्वारा समय समय पर ईट, भरन, गिट्टी, मिट्टी सहित अन्य सामग्रियों के परिवहन के दौरान अनावष्यक रूप से कार्यवाही की जाती है. जबकि इस कार्य मंे बहुत कम राषी प्राप्त होती है. यह कार्यवाही तत्काल बंद की जाये.
इस दौरान यूनियन अध्यक्ष मिश्रीलाल कटरे, अजय हेडाउ, राजा खोब्रागडे, विजय अनर्थे, जगदीष नेमा, विजय चौधरी, रिकु दुबे, गौरव अरोरा, राज मिश्रा, सोमू षुक्ला, अखिलेष नेवारे, नंदु जैरथ, सुभाश पारधी, कल्लू सोहाने, असपाक खान, दीपक ठाकरे, मुरली बारेकर, असलम भाई, जहीर मिस्त्री, विकास चौबे, अलताफ खान, राजेष मरठे, निर्मल कोचर दिनेष बोकडे, अनिल बिसेन, जितेन्द्र भलावी, अरसद खान, देवेन्द्र माहूले, गणेष बनकर, अनिल बिसेन, राजेन्द्र फुलबांधे, बबई मरठे, षेरू पिछोडे, षाहदाब खान, बलराम दमाहे, बब्लु पटले, कमलेष देषमुख, महेन्द्र रहांगडाले, बाला बाहेष्वर, दिपेष रहांगडाले, कुणाल नेवारे, लिमन वाडिवा, ज्वाला पारधी, नरेन्द्र पटले, रामकिषन ठाकरे, नरेन्द्र साकरे, नउू पटले, जीतू वारले, विनोद रहांगडाले, भगत राणा, धनेन्द्र पंचेष्वर, देवेन्द्र नागेष्वर, प्रमेन्द्र हेडाउ, सहित बडी संख्या में टेªक्टर मालिक एवं मजदूर उपस्थित थे.