प्रतिमाह अंतिम शनिवार को आयोजित होगी ऑनलाईन लोक अदालत

बालाघाट. विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा-19 के अंतर्गत स्थाई एवं निरंतर लोक अदालत आयोजित किए जाने का प्रावधान है. इस लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित सभी प्रकार के समझौता योग्य प्रकरणों का आपसी राजीनामा के आधार पर निराकरण किया जाता है. साथ ही ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए गये हैं. यदि पक्षकार आपसी समझौते के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करने के उत्सुक हैं तो वे भी लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरण निराकरण के लिए कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तहसील विधिक सेवा समिति वारासिवनी, बैहर, कटंगी में प्रस्तुत कर सकते हैं.

वर्तमान में कोविड-19 के प्रभाव के कारण स्थाई निरंतर लोक अदालत का आयोजन ऑनलाईन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाना है, जिसमें समझौता योग्य सभी प्रकार के लंबित एवं पूर्ववाद (प्रि-लिटिगेसन) प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा. स्थाई निरंतर लोक अदालत के आयोजन के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष अमरनाथ केशरवानी द्वारा जिला मुख्यालय स्तर पर द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश आशीष कुमार शुक्ला एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा के न्यायालय की खण्डपीठ गठित की गई है.

तहसील स्तर पर वारासिवनी में प्रथम अपर जिला न्यायाधीश कमलेश सनोड़िया एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 गिरजेश सनोड़िया, बैहर में प्रथम अपर जिला न्यायाधीश आनंद गौतम एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 मधुसूदन जंघेल, कटंगी में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 देवरथ सिंह तथा लांजी में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 अभिषेक सोनी के न्यायालय की खण्डपीठों का गठन किया गया है. प्रत्येक नगरपालिका एवं नगरपरिषद को शासन की नीति के मुताबिक टैक्स में दी जा रही छूट के साथ कार्यालय में ही स्थाई एवं निरंतर लोक अदालत आयोजित कर निराकृत मामलों की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है. शासन के द्वारा जो छूट स्वीकृत की गई है उसकी प्रति भी भेजी गई है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव रामजीलाल ताम्रकार ने अधिवक्तागण एवं पक्षकारों से अपील की है कि वे स्थाई एवं निरंतर लोक अदालत के आयोजन को सफल बनायें.


Web Title : ONLINE LOK ADALAT TO BE HELD ON LAST SATURDAY EVERY MONTH