पुलिस ने बरामद किये 450 गौवंश, महाराष्ट्र का एक खरीददार गिरफ्तार, पुलिस की 5 दिनो में दूसरी बड़ी कार्यवाही, पुलिस बेनकाब करें गौवंश अपराधियों के गठजोड़ को-कोचर

बालाघाट. जिले के बहुचर्चित फर्जी वाहन रजिस्ट्रेशन और टीपी कांड के काफी समय बाद बालाघाट पुलिस ने गौवंश तस्करी के बड़े मामले को उजागर किया है, जिसमें पुलिस कड़ी दर कड़ी, इसमें लिप्त आरोपियों और गौवंश तस्करों को संरक्षण देने वालो की जांच में जुट गई है. सूत्रों की मानें तो पुलिस के हाथ कुछ ऐसे सुराग लगे है, जिससे गौवंश तस्करों को बढ़ावा देने वालों की सांसे ऊपर, नीचे होने लगी है. पुलिस द्वारा गौवंश बरामदगी और गौतस्करों की गिरफ्तारी के बाद गौवंश तस्करी पर शिकंजा कसने लगी है. वही पशुप्रेमी अभय कोचर ने गौवंश तस्करी को लेकर की जा रही बालाघाट पुलिस की सराहना करते हुए गौवंश अपराधियों के गठजोड़ को बेनकाब करने की बात कही है.

जिले में गौवंश तस्करी के मामले में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के मार्गदर्शन में पुलिस ने जहां विगत 26 जुलाई को गौवंश के साथ चार गौतस्करों को पकड़ा था. वहीं 30 और 31 जुलाई की दरमियानी पुलिस ने एक बार फिर गौवंश तस्करी में कार्यवाही करते हुए बड़ी संख्या में गौवंश को बरामद करने के साथ ही गौतस्करों से गौवंश की खरीदी करने वाले महाराष्ट्र के एक गौवंश खरीददार को गिरफ्तार किया है.  

पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के मार्गदर्शन में लांजी पुलिस एसडीओपी और उनकी टीम ने बहेला थाना क्षेत्र अंतर्गत अंधियाटोला और टिमकीटोला के जंगल से गौवंश के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए 450 गौवंश को बरामद करने में सफलता अर्जित की है. जिसमें पुलिस ने महाराष्ट्र के एक गौवंश खरीददार को गिरफ्तार किया है, जबकि गौवंश को अन्य राज्यो में क्रुरतापूर्वक कत्लखाने सप्लाई करने वाले गौ-तस्कर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गये है. हालांकि पुलिस को विश्वास है कि गौवंश तस्करी में पकड़ाया गया खरीददार आरोपी गौवंश तस्करी के इस बड़े मामले के कई राज से पर्दा उठा सकता है. जिसे पुलिस न्यायालय में पेश करने के बाद उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है.

टीमों का गठन कर गौवंश के खिलाफ पुलिस ने की कार्यवाही

पुलिस को सूचना मिली थी कि लांजी क्षेत्र के टिमकीटोला गांव से बड़ी मात्रा में गौवंश की तस्करी की जाती है जिसके बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी द्वारा गौवंश तस्करी के मामले में तीन टीमों का गठन किया. जिसमें पुलिस टीम ने विगत 26 जुलाई को टिमकीटोला में कार्यवाही करते हुए 10 गौवंश के साथ ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिनसे पूछताछ में पुलिस में अन्य जगह जंगलो में गौवंश रखे जाने और गौवंश तस्करी से जुड़े मुख्य सरगना और अन्य लोगों के जानकारी मिली थी. जिसके बाद पुलिस गौवंश को रखे जाने की तलाश कर रही थी. जिसके बाद पुलिस ने फिर गौवंश तस्करी को लेकर कार्यवाही करते हुए बाड़े में रखे गये बड़ी संख्या में गौवंश को बरामद किया है.

खरीददार से खुल सकते है गौवंश तस्करी और तस्करों से जुड़े अन्य राज

पुलिस द्वारा बहेला थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अंधियाटोला और टिमकीटोला के जंगल से बरामद किये गये लगभग 450 गौवंश मामले में पुलिस ने एक खरीददार को गिरफ्तार किया है. आरोपी गौवंश खरीददार महाराष्ट्र के चिचटोला निवासी 45 वर्षीय राजु पिता प्रेमलाल महोबे है, जिसके खिलाफ पुलिस ने गौवंश प्रतिषेध अधिनियम और पशु क्रुरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है. पुलिस अब मामले में गिरफ्तार किये गये गौवंश खरीददार से गौवंश तस्करी और तस्कर से जुड़े लोगों की जानकारी हासिल करने का प्रयास करेगी. जिसके बाद पुलिस सरगना तक पहुंचकर मामले में कोई बड़ी कार्यवाही कर सकती है.

आरोपियों ने पूछताछ में उगले कई नाम

पुलिस सूत्रों की मानें तो 26 जुलाई को गौवंश के साथ पकड़ाये गये चार आरोपियों से पुलिस पूछताछ में कई और नामों का पता चला है, बताया जाता है कि इस मामले में पुलिस को गौवंश तस्करी के मुख्य सरगना सहित उनके साथियों का पता चला है. जिन्हें पकड़ने के लिए भी पुलिस पूरी सक्रियता के साथ जुटी है. अब देखना है कि गौवंश तस्करी से जुड़े मुख्य सरगना ओर उसके हैंडलरों पर पुलिस कब तक शिकंजा कस पाती है.

गौवंश तस्करी में गठजोड़ को बेनकाब करें पुलिस-अभय कोचर

पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के मार्गदर्शन में लांजी क्षेत्र में गौवंश के खिलाफ की जा रही कार्यवाही की सराहना करते हुए पशुप्रेमी अभय कोचर ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि रिसेवाड़ा क्षेत्र से हो रही गौवंश तस्करी में लांजी पुलिस और लांजी प्रशासन मिला है. उन्होंने कहा कि यह मुमकिन ही नहीं है कि लांजी मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर रिसेवाड़ा क्षेत्र के गांवो से गौवंश की गौतस्करों द्वारा की जानी तस्करी के बारे में पुलिस और स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी न हो. सघन वनों वाला रिसेवाड़ा क्षेत्र गौवंश की तस्करी का एक बड़ा केन्द्र है, जहां से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या मंे गौवंश की तस्करी की जाती है. पिछले कई सालों से यहां से गौवंश की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है लेकिन न तो पुलिस और ही प्रशासन कोई कार्यवाही कर रहा था. उन्होने बताया कि हमारे द्वारा गौवंश तस्करी से जुड़े मामले को पुलिस अधीक्षक महोदय के संज्ञान में लाया गया तब कहीं जाकर पुलिस टीमों का गठन कर कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में रहकर गौवंश की तस्करी करने वाले बाहरी है, जो वनभूमि के साथ ही दूसरो लोगांे की भूमि पर कब्जा जमाये हुए है. जिसकी भी जांच किये जाने की मांग हमारे द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा कि लांजी के रिसेवाड़ा क्षेत्र से गौवंश की तस्करी के लिए गौतस्करों को संरक्षण देने में कुछ बड़े चेहरे भी शामिल है, जिनकी भी जांच होनी चाहिये. चूंकि यह क्षेत्र महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा से नजदीक होने के कारण आसानी से गौतस्कर, गौवंश की तस्करी कर गौवंश को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेशो में गौवंश की तस्करी करते है. उन्होने विश्वास से कहा कि रिसेवाड़ा क्षेत्र के गौवंश तस्कर, गौवंशो को आंध्रप्रदेश, तेलंगना और पश्चिम बंगाल तक भी भिजवाते है. हाल ही में 8 से 10 ट्रक मवेशी, गौवंश तस्करों द्वारा पश्चिम बंगाल भेजे जाने की भी पुख्ता जानकारी उनके पास है. उन्होंने जिले से गौवंश तस्करी के तार अंतर्राज्यीय के अलावा अंतर्राष्ट्रीय होने की आशंका जाहिर करते हुए कहा कि जिले के गौवंश तस्कर बांग्लादेश और बर्मा तक भी इसकी सप्लाई करते होंगे, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. एक सवाल के जवाब में उन्होंने इनके राजनीतिक संरक्षण भी इंकार नहीं करते हुए कहा कि पहले तो इन पर हाथ डालने पुलिस सोचती थी लेकिन आज जब पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा इस मामले को उजागर किया गया है तो निश्चित ही वह इस मामले में गौतस्करों के संरक्षणकर्ताओं तक भी पहुंचेंगे, ऐसी उम्मीद है.


Web Title : POLICE RECOVER 450 GAUVANSH, A BUYER FROM MAHARASHTRA ARRESTED, SECOND MAJOR POLICE ACTION IN 5 DAYS, POLICE EXPOSE COW DYNASTY CRIMINALS NEXUS KOCHHAR