प्राकृतिक आपदा से मृत्यु में त्वरित तैयार करें राहत राशि प्रकरण, कलेक्टर ने ली राजस्व अधिकारियों की बैठक

बालाघाट. कलेक्टर दीपक आर्य ने आज 22 अगस्त को राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये. बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह, सहायक कलेक्टर श्री अक्षय तेम्रावाल, अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम, सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे.

कलेक्टर श्री आर्य ने बैठक में राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करें. विशेषकर जमीन की खरीदी-बिक्री के बाद रजिस्ट्री होने पर एक माह के भीतर उसका नामांतरण हो जाना चाहिए. जिले की किसी भी तहसील में रजिस्ट्री के बाद नामांतरण का प्रकरण एक माह से अधिक पुराना नहीं पाया जाना चाहिए. राजस्व अधिकारियों से कहा गया कि वे पटवारियों की कार्यों की सतत समीक्षा करें. प्रायः शिकायत मिलते रहती है कि पटवारी द्वारा भूमि स्वामी की मृत्यु के बाद फौती दर्ज नहीं गई है. बिना किसी कारण के फौती दर्ज नहीं करने पर पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही करें. ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में यदि किसी भूमि स्वामी की मृत्यु हो जाती है तो उस क्षेत्र के पटवारी का दायित्व है कि वह मृतक के बच्चों का नाम भूमि स्वामी में दर्ज कर अपना राजस्व रिकार्ड दुरूस्त कर लें.  

कलेक्टर श्री आर्य ने राजस्व अधिकारियों को निर्दे‍शित किया कि वे प्राकृतिक आपदा से मृत्यु के प्रकरणों में राहत राशि के प्रकरण त्वरित गति से तैयार करें. जिससे पीड़ित परिवार को सहायता राशि का शीघ्र वितरण किया जा सके. उन्होंने हाल के दिनों में कुएं में जहरीली गैस से मृत्यु के मामलों में अब तक प्रकरण तैयार नहीं किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि ऐसे कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए. राजस्व्‍ा अधिकारियों को विभिन्न राजस्व मदों की कड़ाई से वसूली करने कहा गया. इसी प्रकार आरआरसी दायर प्रकरणों में वसूली के लिए कुर्की व नीलामी की कार्यवाही करने कहा गया.

बैठक में जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान पंचायत के कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही गांव के स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों का भी निरीक्षण करें. गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य की सेवाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच रहा है या नहीं यह भी देखें. जिन पंचायतों के सरपंच एवं सचिवों से शासकीय राशि की वसूली की जाना है, उनसे बकाया राशि वसूली के लिए तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये. जो सरपंच एवं सचिव वसूली की राशि जमा नहीं करते है, तो उन्हें जेल भेजने की कार्यवाही करने गया.


Web Title : QUICK PREPARATION OF DEATHS FROM NATURAL DISASTER RELIEF CASE, COLLECTOR LEE REVENUE OFFICIALS MEETING