सामुदायिक भवन निर्माण में अधिकारियों की सांठगाठ से हो रही लीपापोती?

खैरलांजी/चिखलाबांध (संदीप वाघमारे). मध्यप्रदेश पंचायती राज के तहत ग्रामीण क्षेत्र का शहरी करण करते हुए सर्व सुविधायुक्त निर्माण कार्य एवं निर्मल ग्राम में परिवर्तन करना जारी है. जिससे कि ग्राम के नागरिको को सर्व सुविधा मिल सके. जिसके लिए राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के द्वारा करोड़ो रूपये की राशि आबंटित होती है, लेकिन देखने में आता है कि ग्राम के विकास के लिए होने वाले निर्माण कार्यो में ममनानी कर जिम्मेदार स्वविकास करने लगते है. जिसका चलते होने वाले निर्माण कार्याे में गुणवत्ता की अनदेखी की जाती है. कुछ ऐसा ही मामला जनपद पंचायत खैरलांजी के अतंर्गत ग्राम पंचायत चिखलाबांध का है. जहां पर अधिकतर निर्माण कार्यो में लीपापोती कर, राशि का बंदरबाट किया गया है.

बात करे चिखलाबांध में बनाये जा रहे सामुदायिक भवन की तो इसके निर्माण में स्टीमेट को दर किनार करते हुए निर्माण कार्य में लीपापोती की जा रही है और तो और स्वीकृति बोर्ड को भी दरकिनार किया गया है. ज्ञात हो कि 14 वॉ वित्त की 20 लाख रूपये की राशि से सामुदायिक भवन का निर्माण होना था, जो आज तक पूरा नहीं हो सका है जबकि जानकारी है कि निर्माण कार्य के नाम से 50 प्रतिशत की राशि निकाल ली गई है.

सूत्रों के अनुसार 2018 में सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य प्रांरभ किया गया था, किन्तु पूर्व इंजिनियर के द्वारा निर्माण कार्यो में गुणवताहीन एवं स्टीमेंट को दर किनार करते हुए चल रहे निर्माणाधीन कार्य को रूकवा दिया गया था.   साथ ही सरपंच एवं सचिव को फटकार लगाते हुए स्टीमेट के आधार पर ही निर्माण कराया जाने के निर्देश दिये गये थे. जिसमें गुणवताहीन कार्य को सुधार किया जाना था, किन्तु देखने में आ रहा है कि निर्माण कार्य में लीपापोती करते हुए निर्माण किया जा रहा है. बताया जाता है कि ग्राम पंचायत के जिम्मेदार बिना स्वीकृति बोर्ड लगाये काम कर रहे है, 

ग्रामीणों ने लगाई जॉच की मांग

ग्रामीणों द्वारा मांग की गई है कि ग्राम में 20 लाख रूपये की लागत से बनाये जा रहे का कार्य गुणवताहीन किया जा रहा है. जिसके चलते गत दिनों से सेट्रिंग लगाकर स्लेप नहीं किया गया. जबकि पूर्व में इंजिनीयर द्वारा स्टीमेट के आधार पर निर्माण कार्य नहीं होने से कार्य को बंद किया गया था, जबकि आज भी स्टीमेट के आधार से कार्य नहीं किया गया है. इंजीनियर की फटकार के बाद भी कार्य में कोई सुधार नहीं किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक नियमो की अनदेखी कर सरपंच पति द्वारा अपनी मनमानी से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है. मामले में सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार भवन के बीम एवं कॉलम में लोहे की लगाई जाने वाली रिंग कम लगाई गई है और लगाया है साथ ही निर्माण कार्य में लग रहे मटेरियल की कोई लेब मंे जांच भी नहीं करवाई गई. प्रशासनिक जिम्मेदार भी निर्माण कार्य को लेकर अनदेखी कर रहे है. ग्रामीणों का आरोप है कि निर्धारित समय से भी ज्यादा समय हो जाने के बाद भी कार्य अधूरा है. अब ग्रामीण निर्माण को लेकर जांच की मांग कर रहे है.  

इनका कहना है

मेरे कार्यकाल में केवल सामुदायिक भवन की छत का निर्माण किया गया है. इसके पहले पूर्व इंजिनियर के द्वारा निर्माण कार्य करवाया गया था. यदि स्टीमेट के आधार पर कार्य नहीं किया गया है तो देखा जायेगा. स्वीकृति बोर्ड नहीं लगा है तो लगवा दिया जायेगा.

नाजमीन खॉन, इंजिनियर, खैरलांजी

आपने इस जानकारी से अवगत कराया है इंजिनियर से जानकारी लेकर जॉंच कराई जायेगी.

सुरेश कुमार इंदौरकर, जनपद पंचायत अधिकारी, खैरलांजी

आपके द्वारा जानकारी दी गई है, इस मामले में सम्बंधित अधिकारी से सामुदायिक भवन निर्माण की जानकारी के आधार पर ही आगे का निर्णय लिया जायेगा.

रजनी सिंह, सीईओ जिला पंचायत अधिकारी


Web Title : THE CONNIVANCE OF THE OFFICERS IN THE COMMUNITY BUILDING CONSTRUCTION?