सरकार ने मानवीयता के आधार पर बनाया सीएए-रविन्द्र श्रीवास्तव, जो पूर्व सरकार नहीं कर सकी वह मोदी सरकार ने कर दिखाया-डॉ. शरणागत, सीएए के समर्थन में पदयात्रा 20 को

बालाघाट. नागरिकता संशोधन कानून, भारत देश के किसी भी धर्म के लोगों की नागरिकता छिनने का नहीं अपितु पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आये और आज शरणार्णियों का जीवन जी रहे हिन्दु, बौद्ध, जैन, सिक्ख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का कानून है. केन्द्र सरकार ने इस कानून को मानवीयता के आधार पर बनाया है ताकि देश में रहकर शरणार्थियों का जीवन व्यतित कर रहे लोगों को देश की नागरिकता मिल सकें और वह सम्मानपूर्वक जीवन व्यतित कर सके. यह बात बालाघाट नागरिक परिषद के सदस्य रविन्द्र श्रीवास्तव ने आज गायत्री मंदिर के सभाहॉल में सीएए को लेकर समर्थन पदयात्रा को लेकर आयोजित बैठक में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही.

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जब देश 1947 में आजाद हुआ था. तब देश में अल्पसंख्यको की संख्या कम थी, लेकिन भारत में उन्हें एक सुरक्षित माहौल मिलने से आज उनकी संख्या बढ़ी है जबकि दूसरी ओर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में साल दर साल अल्पसंख्यकों के रूप में रह रहे हिन्दु, बौद्ध, जैन, सिक्ख, पारसी, ईसाईयों की संख्या में तेजी से कमी आई है, जो वहां से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होने के कारण भारत देश में आ बसे है, जो वर्षो से देश में शरणार्थियों का जीवन जी रहे है. जिनकी भावनाओं को समझते हुए सरकार ने पूर्व की सरकार द्वारा लाये गये सीएए में संशोधन कर 31 दिसंबर 2014 के पहले भारत आ चुके लोगों को नागरिकता देने के लिए यह बिल लाया है. जिस विषय को लेकर देश में भ्रम और झूठ का प्रचार किया जा रहा है.

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा मानवीयता के आधार पर बनाये गये इस कानून के विषय को लेकर विपक्षी लोग एक विशेष वर्ग के लोगों को भ्रमित करने का काम कर देश में अराजक, अशांति और आंदोलन का माहौल खड़ा कर रहे है. उन्हांेने कहा कि विरोध होना चाहिये, लेकिन विरोध में विरोधी, पड़ोसी राज्य पाकिस्तान को विरोध के माध्यम से ऑक्सीजन देने का काम कर रहे है, जो गलत और निंदनीय है. सीएए कानून को लेकर भ्रम और झूठी जानकारी से लोगों को और खासकर महाविद्यालय में विद्यार्थियों को भड़काने का काम कर वातावरण को खराब करने का काम किया जा रहा है, उससे समाज का बड़ा वर्ग काफी चितिंत है. जिसके कारण मानवीयता के आधार पर यह बड़ा वर्ग इस कानून के समर्थन में निकल रहा है. जिसको लेकर आगामी 20 जनवरी को सीएए के समर्थन का आग्रह करने बालाघाट नागरिक परिषद का गठन किया गया है.  

बालाघाट नागरिक परिषद के संयोजक डॉ. बी. एम. शरणागत ने कहा कि सीएए को लेकर जिस प्रकार से देश में अराजकता, भय और हिंसा फैलाने का काम किया जा रहा है उससे लगता है कि विरोधी देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा करना चाहते है. जबकि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल 1955 में इस कानून के प्रारूप को पहली बार लाया गया था. जिसमें वर्ष 1961 और वर्ष 1971 में संशोधन किया गया लेकिन इस कानून को लेकर जो पूर्व की सरकारों ने नहीं किया, वह इस सरकार ने कर दिखाया. जिसको लेकर ऐसे लोग जो देशहित और राष्ट्रहित नहीं चाहते है वह युवाओं को भ्रामक जानकारी देकर भड़काने का काम कर रहे है. जबकि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी 26 सितंबर 1947 को एक प्रार्थन सभा में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दु और सिक्ख हर नजरिये से भारत आ सकते है, अगर वो वहां नहीं रहना चाहते. तब उन्हें नौकरी देना, उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का पहला कर्तव्य है, बावजूद इसके यदि विपक्षी गांधी के विचारों को नहीं मान रहे है तो वह गांधी और देश का अपमान कर रहे है. उन्होने बालाघाट नागरिक परिषद के संयोजक होने के नाते जिले के लोगों से अपील की कि वह 20 जनवरी को आयोजित सीएए के समर्थन में हो रही पदयात्रा में देशहित और राष्ट्रहित को लेकर आगे आये. उन्होंने सीएए को लेकर मचाये जा रहे कोहराम की निंदा करते हुए कहा कि युवा साथी, सीएए को लेकर जागरूक हो और इसका विरोध करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे, क्यांेकि देश है तो हम है, राष्ट्र है तो हम है.

बालाघाट नागरिक परिषद के सहसंयोजक महेश खजांची ने कहा कि यह कानून किसी की नागरिकता छिनने का नहीं बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आये हिन्दु, बौद्ध, जैन, सिक्ख, पारसी और ईसाई समुदाय को नागरिकता देने का कानून है, इसलिए जिले के लोग मानवीय आधार पर सरकार द्वारा लाये गये सीएए के कानून के समर्थन में 20 जनवरी को आयोजित पदयात्रा में शामिल होकर देशहित और राष्ट्रहित के प्रति अपनी भूमिका निभायें. उन्होंने बताया कि सीएए के समर्थन में निकाली जा रही पदयात्रा आंबेडकर चौक से प्रारंभ होकर, काली पुतली चौक से मेनरोड होते हुए हनुमान चौक से सर्किट हाउस रोड होते हुए आंबेडकर चौक पहुंचेगी. जहां पदयात्रा का समापन किया जायेगा.  

अनेक संगठन ने पदयात्रा का किया समर्थन

आज बैठक में रविन्द्र श्रीवास्तव, संयोजक डॉ. बी. एम. शरणागत, अभय सेठिया, सहसंयोजक महेश खजांची, गुड्डा मरकाम, रितेश अग्रवाल, मौसम हरिनखेड़े, समीर जायसवाल, प्रमोद तिवारी, मनीष चौरसिया, राजेन्द्र शुक्ल, रमेश रंगलानी, अभय सेठिया, महेन्द्र सुराना, विक्रांत साकरे, वैभव कश्यप, गौरव दुबे, अभय कोचर, सत्यनारायण अग्रवाल, विकास सोनेकर, अनिल वाधवानी, दुर्गेश शर्मा, प्रजेश बिसेन, योगेश बिसेन सहित गायत्री परिवार, आम्बेडकर युवा संगठन, आर्ट ऑफ लिविंग, प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी, श्री सत्यसांई सेवा समिति, पुराना राममंदिर ट्रस्ट, नया राम मंदिर ट्रस्ट, दुर्गा मंदिर ट्रस्ट, बोल बम सेवा समिति, मां कालीपाठ मंदिर समिति, मोतीनगर दुर्गा मंदिर समिति, आराधना दुर्गा उत्सव समिति, सिंहवाहिनी दुर्गाेत्सव समिति, विजय दुर्र्गाेत्सव समिति, चेंबर ऑफ कामर्स, वैश्य फेडरेशन, रोटरी क्लब ऑफ बालाघाट टाईगर्स, अग्रवाल समाज, देशदीप परिषद, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, वामा महिला सुरक्षा दल, गुरू गोविंद सिंध सभा एवं सिक्ख समाज, राष्ट्रीय चेतना परिषद, सहमत संस्था, मानव उत्थान सेवा समिति के प्रतिनिधि मौजूद थे. जिन्होंने सीएए के समर्थन में पदयात्रा को अपना समर्थन दिया है.


Web Title : THE GOVERNMENT HAS MADE CAA RAVINDER SRIVASTAVA, WHICH THE FORMER GOVERNMENT COULD NOT DO ON HUMANITARIAN GROUNDS, WHICH THE MODI GOVERNMENT DID DR. PADYATRA IN SUPPORT OF REFUGEES, CAA TO 20