अधिकारी रहेंगे या फिर सहकारी कर्मचारी-चौहान,जिला आपूर्ति अधिकारी चौधरी की पुनः पदस्थापना से सहकारी कर्मचारियों में नाराजगी, स्थानांतरण की मांग दोहराई

बालाघाट. जिला आपूर्ति अधिकारी एच. एच. चौधरी द्वारा कथित रूप से सहकारी कर्मचारियों को भ्रष्ट्राचारी कहे जाने से नाराज जिले के सहकारी कर्मचारियो ने उन्हें जिले से स्थानांतरित करने के लिए आंदोलन छेड़ दिया था. जिसमें सहकारी कर्मचारियों द्वारा किये गये लगातार आंदोलन के बाद अंततः 4 नवंबर को जिला आपूर्ति अधिकारी का शासन द्वारा स्थानांतरित कर दिया गया था. जिनके स्थान पर महिला अधिकारी की बालाघाट में पदस्थापना की गई थी, लेकिन बालाघाट स्थानांतरित महिला अधिकारी ने अपने स्थानांतरण के खिलाफ कोर्ट से स्टे ले लिया और जिला आपूर्ति अधिकारी एच. एस. चौधरी के स्थानांतरण के आदेश को शासन ने तत्काल प्रभाव से निरस्त कर आपूर्ति अधिकारी चौधरी को बालाघाट मंे उनके पद पर यथावत रखा है.  

आपूर्ति अधिकारी के कथित सहकारी कर्मचारियों को भ्रष्ट्राचारी कहे जाने के बयान को लेकर जिले मंे सहकारी कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल के कारण सोसायटी की भंग व्यवस्था के बावजूद पुनः विवादित अधिकारी की पदस्थापना किया जाना समझ से परे है, दूसरी ओर यह भी जानकारी सामने आ रही है कि सहकारी कर्मचारियों की नाराजगी से स्थानांतरित किये गये जिला आपूर्ति अधिकारी के स्थानांतरण के बावजूद उन्हें जिले से रिलिव नहीं किया गया, जिसका पूरा फायदा आपूर्ति अधिकारी ने अपना स्थानांतरण रूकवाने में उठाया और आपूर्ति अधिकारी चौधरी इसमें सफल भी रहे.  

लेकिन उनकी पुनः पदस्थापना ने एक बार फिर सहकारी कर्मचारियों की नाराजगी को बढ़ा दिया है, आपूर्ति अधिकारी चौधरी की पुनः पदस्थापना से नाराज सहकारी कर्मचारियों ने एक बार फिर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है, जिससे भविष्य मंे पीडीएस और धान उपार्जन सहित सोसायटी से मिलने वाली सुविधा पर फिर विराम लग सकता है.

बालाघाट में स्थानांतरण आदेश के निरस्त होने से पुनः पदस्थापित हुए आपूर्ति अधिकारी चौधरी को एक बार फिर जिले से हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग मध्यप्रदेश सहकारी कर्मचारी महासंघ ने की है और ऐसा नहीं होने पर 2 दिसंबर के बाद धान उपार्जन को बंद कर देने की चेतावनी दी है.

महासंघ जिलाध्यक्ष पी. सी. चौहान ने कहा कि सहकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचारी कहने वाले जिला आपूर्ति अधिकारी को लेकर सहकारी कर्मचारियों ने कई दिनों तक संघर्ष किया. 4 नवंबर को शासन ने उनके स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया, लेकिन उन्हें आदेश के बावजूद रिलिव नहीं किया गया. 25 नवंबर को शासन द्वारा उनके स्थानांतरण आदेश को तत्काल प्रभाव से खारिज कर दिया है. जिससे सहकारी कर्मचारियो में भारी नाराजगी है. सहकारी समियितोे में धान उपार्जन का कार्य जारी है और यह उपार्जन आपूर्ति अधिकारी के अधिनस्थ होनाहै, ऐसे में जिस अधिकारी को हटाने के लिए सहकारी कर्मचारियों ने आंदोलन किया, उस अधिकारी का रवैया, सहकारी कर्मचारियों के प्रति कैसा होगा, यह सोचनीय विषय है. हमें इससे कोई सरोकार नहीं है कि बालाघाट स्थानांतरित महिला अधिकारी ने कोर्ट से अपने स्थानांतरण को लेकर स्टे लिया है, यह उनका अधिकार है लेकिन जिले में विवादित आपूर्ति अधिकारी की पुनः पदस्थापना से कर्मचारियो में रोष और भय का माहौल है, अब तक अधिकारी रहंेगे या फिर सहकारी कर्मचारी. यदि आगामी 2 दिसंबर तक आपूर्ति अधिकारी का पुनः स्थानांतरण नहीं किया जाता है तो इसके बाद जिले का सहकारी कर्मचारी इस मांग को लेकर धान उपार्जन और सोसायटी की अन्य सुविधाओं को बंद कर दिया जायेगा और पूरे सहकारी कर्मचारी आंदोलन मंे चले जायेंगे.  

इस आशय का ज्ञापन मुख्यमंत्री, खाद्य एवं सहकारिता मंत्री के नाम सौंपे गये ज्ञापन मंे जिक्र किया गया है. इस दौरान प्रांतीय प्रतिनिधि दिनेश परिहार, सचिव एम. पी. ठाकरे, सहसचिव कार्तिक बिेसन, कोषाध्यक्ष योगेश मात्रे, सहकोषाध्यक्ष राकेश पटले, महामंत्री चेतसिंह भगत, संगदन मंत्री मनोज कटरे, जे. एल. पटले सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे.


Web Title : THE OFFICER WILL REMAIN OR THE RE ESTABLISHMENT OF CO OPERATIVE EMPLOYEE CHAUHAN, DISTRICT SUPPLY OFFICER CHAUDHARY, REITERATED THE DEMAND FOR TRANSFER OF CO OPERATIVE EMPLOYEES.