बालाघाट. जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजो के उपचार को लेकर की जाने वाली चिकित्सीय लापरवाही के एक नहीं कई उदाहरण प्रसुताओं के मौत को लेकर सामने आते रहे है, हालांकि यह और बात है कि इसको लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है, बुधवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज के परिजनों को समुचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने की शिकायत करना इतना महंगा पड़ा कि सिर पर गंभीर चोट आने से भर्ती मरीज की जिला चिकित्सालय के चिकित्सक द्वारा अस्पताल से ही छुट्टी कर दी, लेकिन इस बार चिकित्सक का पाला, आम लोगों से नहीं बल्कि एकजुटता पर विश्वास रखने वालों से पड़ा था. शिकायत के बाद मरीज की छुट्टी किये जाने से नाराज मरीज के परिजनों ने मरीज को लेकर अस्पताल के सामने नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदर्शन किया. जिसकी जानकारी लगते ही सहायक कलेक्टर और जिला अस्पताल प्रशासक, अस्पताल प्रबंधन और पुलिस भागे-भागे, अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने प्रदर्शनकारी मरीज और उसके परिजनों से चर्चा कर मरीज को पुनः अस्पताल में भर्ती कराया.
बुधवार को जिला चिकित्सालय में चिकित्सक की असंवेदनशीलता का एक जीवंत उदाहरण देखने को मिला. चिकित्सालय में फावड़े के हमले से भर्ती मरीज के परिजनो ने आज 7 जुलाई की सुबह निरीक्षण पर पहुंचे सहायक कलेक्टर एवं जिला चिकित्सालय प्रशासक दलीप कुमार को समुचित ईलाज नहीं मिलने और चिकित्सक द्वारा नहीं देखे जाने की शिकायत की. जिसके बाद प्रशासक एवं सहायक कलेक्टर दीपक कुमार के अस्पताल से जाते ही डॉ. शुभम लिल्हारे ने शिकायत से बौखलाकर मरीज का डिस्चार्ज करवा दिया.
सुबह प्रशासनिक अधिकारी को शिकायत के बाद, मरीज के डिस्चार्ज से नाराज परिजनों ने मरीज को लेकर अस्पताल के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया. मरीज और उसके परिजनों द्वारा अस्पताल के गेट के सामने किये गये प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद सहायक कलेक्टर एवं जिला अस्पताल प्रशासक दलीप कुमार, सिविल सर्जन डॉ. आर. के. मिश्र और कोतवाली थाना प्रभारी विजयसिंह परस्ते प्रदर्शन कर रहे मरीज और परिजनों से मिले और उन्हें समझाईश दी. मरीज के परिजनों का कहना था कि वह मरीज को भर्ती कराकर उसका उपचार करवाया जायें. जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को पुनः अस्पताल में भर्ती करवाया और उसका ईलाज शुरू किया.
क्या है मामला
गत 6 जुलाई को बगदर्रा में खेत की मेंढ में खार की पंेढी रखने को लेकर हुए विवाद में घायल अभिषेक लिल्हारे के सिर में उसके ही काका सुखदास लिल्हारे ने फावड़े से हमला कर दिया था. जिससे सिर पर गंभीर चोटे आने के बाद घायल अभिषेक को उपचारार्थ जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. मरीज के परिजनों की ओर से मलखान लिल्हारे ने बताया कि आज 7 जुलाई की सुबह अस्पताल प्रशासक एवं सहायक कलेक्टर दलीप कुमार, वार्ड में भ्रमण कर भर्ती मरीजों से उपचार को लेकर जानकारी ले रहे थे, इस दौरान ही भर्ती मरीज अभिषेक के बड़े भाई नरेन्द्र लिल्हारे ने बताया कि घायल छोटे भाई अभिषेक के सिर पर दर्द हो रहा है और भर्ती मरीज का समुचित उपचार नहीं किया जा रहा है. मरीज अभिषेक ने भी बताया कि चिकित्सक उसे देखने नहीं आये है. इस दौरान वहां प्रशासक एवं सहायक कलेक्टर दलीप कुमार ने उपस्थित डॉ. शुभम लिल्हारे को मरीज का समुचित ईलाज करने को लेकर निर्देशित किया.
मरीज के परिजन मलखान लिल्हारे ने बताया कि इससे नाराज डॉ. शुभम लिल्हारे ने प्रशासनिक अधिकारी के जाते ही बहुत कलेक्टरी झाड़ते हो, कहकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया. जिसको लेकर हमारे द्वारा मरीज को लेकर अस्पताल के गेट के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी और अस्पताल प्रबंधन द्वारा हमें समझाईश देकर मरीज को पुनः भर्ती कर लिया है.
इनका कहना है
आज अस्पताल निरीक्षण के दौरान मरीज ने बताया था कि डॉक्टर ने देखा नहीं है, जिसको लेकर मैंने डॉक्टर से बात की थी. जिसके बाद उसके डिस्चार्ज को लेकर परिजनों ने नाराजगी जाहिर की है, हालांकि यह कोई बड़ा इश्यु नहीं है. वापस से डिस्चार्ज किये गये मरीज को भर्ती करवा दिया गया है, जब तक मरीज ठीक फिल नहीं करेगा, तब तक उसका उपचार जारी रहेगा. मेरे द्वारा सिविल सर्जन और अन्य डॉक्टर से भी कहा गया है कि वह मरीजों को रेग्युलरी देखते रहे. मरीजांे से अच्छा व्यवहार करें, ताकि मरीजो को बुरा फिल न हो. ऐसी घटना की पुनः पुनर्रावृत्ति न हो, इसके लिए भी अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है.
दलीप कुमार, सहायक कलेक्टर एवं प्रशासक, जिला अस्पताल