ढुलू के गढ़ में सेंध, बिना रंगदारी के उठा कोयला, रंगदार रहे अंडरग्राउंड 

धनबाद. बीजेपी के बाघमारा विधयक ढुल्लू महतो की खोज में जहां जिला पुलिस सहित स्पेशल टीम प्रयास में लगी हुई है, वहीं ढुल्लू समर्थकों पर लगातार हो रही काररवाई और उनके आका के फरार हो जाने से अब विधयक के कारोबार पर असर होना शुरू हो चुका है. ऐसा दस साल के इतिहास में कभी देखने को नहीं मिला कि बीसीसीएल के एरिया 1 से 4 तक की कोलियरी बिना ढुल्लू महतो की इजाजत से एक पत्ता हिला हो.   कतरास की कांटापहाड़ी कोलियरी में ढुल्लू और कांग्रेस समर्थक डीओ होल्डरों का कोयला उठाव था, जहां बेहिचक, बिना विरोध् के दूसरे पक्ष का कोयला उठा और लोड ट्रक कोलियरी से निकला.

ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि बिना ढुल्लू समर्थकों के मुंशी-मैनेजर को हिस्सेदारी और इजाजत के अन्य लोगों की ट्रक निकला हो. इसे संयोग कहें या पुलिसिया शिकंजा का परिणाम.   दिन भर कोयला उठाव के दौरान विधयक समर्थक भूमिगत रहे. जाने-माने चंदेल इंटरप्राइज का भी कोयला लोड ट्रक शांतिपूर्वक कांटा होकर कोलियरी में घुसा और लोड हुआ. चंदेल इंटरप्राइज से कई बार विधयक और उनके समर्थकों में कोयला उठाव को लेकर विवाद हो चुका है. ऐसे में वर्तमान कोयला कारोबारी के लिए यह राहत की बात है.


बनारस कोयला मंडी में ढुल्लू की धाक 

पुलिस से छिपते फिर रहे विधायाक को कोयलांचल का कोल किंग भी कहा जाता है. जानकर बताते हैं कि ढुल्लू महतो की प्रभाव वाली कोलियरी से निकलने वाली कोयले से भरी ट्रक जैसे ही जीटी रोड पार करती है, तो ढुल्लू समर्थक उस ट्रक की जानकारी बनारस की मंडी के दलाल को दे देते हैं. इसके बाद शुरू होता है बनारस कोयला मंडी के दलाल और ढुल्लू समर्थकों के बीच कमीशन का खेल. जानकारी के अनुसार प्रति टन 200 से अध्कि रुपया सीध्े ढुल्लू महतो को उनके समर्थक और दलाल के माध्यम से मिल जाता है. एक कोयला लोड ट्रक से हजारों से अधिक कमीशन की प्राप्ति हो जाती है. माना जाता है कि बाघमारा कोयलांचल की कोलियरी से उच्चस्तर का कोयला सिपर्फ विधयक समर्थक को ही मिलता है, जिसे आसानी से बनारस मंडी में बेचकर बड़ा कारोबार चला रहे हैं.

बीसीसीएल को भी मिली आजादी
कभी एक इशारे पर विधयक समर्थक बीसीसीएल के एरिया 1 से 4 तक की कोलियरी को बिना खौपफ के बंद करवा देते थे. अब ढुल्लू महतो के अंडरग्राउंड का ऐसा असर हुआ कि आज इन कोलियरी में खोजने से भी कोई रंगदार नहीं दिखा. पहले बीसीसीएल अपनी मजबूरी बताकर समझौता के तहत काम करती थी.  

टाइगर का इतिहास खंगाल रही पुलिस
आला अध्किरियों के निर्देश पर फरार विधयक ढुल्लू महतो की गिरफ्रतारी भले ही अब तक पुलिस नहीं कर पायी है, लेकिन पुलिस बीते दो साल से लेकर अब तक के विधायक पर कोर्ट में चल रहे मुकदमों की फाइलों की बारिकी से जांच कर रही है. देखा जा रहा है कि अब तक ढुल्लू महतो कहां और किस आपराध्कि मामले में संलिप्त रहे हैं, साथ उन मामलों में उनके किन समर्थकों की नामजद संलिप्ता रही है, ताकि पुलिस विधयक पर कानूनी शिकंजा और अधिक मजबूत करने में सफल हो सके.