जमीन विवाद मामले में साझेदार अमित देसाई व त्रिभुवन सिंह के पक्ष में उतरा बैंक मोड़ चैम्बर

धनबाद. सरायढेला में अवस्थित 8. 44 डिसमिल जमीन विवाद मामले में बैंक मोड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स, व्यवसायी अमित देसाई उनके साझेदार त्रिभुन सिंह के बचाव में आगे आया.

अध्यक्ष प्रभात सुरोलिया ने कहा उक्त जमीन अमित देसाई के पुत्र दीप देसाई एवं त्रिभुन सिंह के पुत्र अमन सिंह के नाम पर है. दोनो साझेदारों ने दस्तावेजो के आधार पर इसका प्रमाण दिया है. अधिवक्ता शंकर किशोर महतो के द्वारा उक्त जमीन को हड़पने की मंसा से आये दिन दोनो साझेदारों को परेशान किया जा रहा है.

जमीन के एवज में बतौर रंगदारी दस लाख रु भी मांगी गई है. इस परिस्थिति में व्यवसायी हित को ध्यान में रखकर चैम्बर एक बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. मंगलवार को चैम्बर पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल एसएसपी से मिलकर न्याय की मांग करेगा. उक्त बांते उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. प्रेस वार्ता में प्रभात सुरोलिया के साथ अमित देसाई, प्रमोद गोयल, सुरेंद्र अरोड़ा उपस्थित हुए.

अमित देसाई ने बताया सरायढेला प्रगति नर्सिंग होम के समीप अवस्थित उक्त जमीन वर्ष 2015 में खरीदी थी. जमीन का दाखिल खारिज कराने के उपरांत उसका अद्यतन लगान भी सरकार को भुगतान कर रहे है. इसके बाउजूद अधिवक्ता शंकर किशोर महतो अवैध तरीके से जमीन को अपना बताकर हड़पने की कोशिश में है तथा रंगदारी स्वरूप दस लाख रुपये की भी मांग की है.

कसनून हम दोनों साझेदारों के पुत्रों के नाम पर उक्त जमीन है. सीओ द्वारा 9 जून को प्रमाण पत्र भी जारी किया जा चुका है. अधिवक्ता के द्वारा न्यायालय में याचिका दायर कर स्थगन आदेश (इंजेक्शन ऑर्डर) की मांग की गई थी जिसे न्यायालय खारिज कर चुकी है. न्यायालय का आदेश हमारे पक्ष में है जबकि जमीन हथ्याने के उद्देश्य से अधिवक्ता लगातार जमीन पर निर्माण कार्य मे अवरोध पैदा करने का काम कर रहे है.

पिछले 31 जुलाई को भी जमीन की बाउंड्री निर्माण के वक्त शंकर किशोर अपने साथियों के साथ जमीन पर पहुँचकर मारपीट शुरू कर दी. घटना के वक्त मौजूद अमन सिंह, दीप देसाई एवं अमन के चाचा रामेश्वर प्रसाद सिंह के साथ मारपीट की गई. रामेश्वर प्रसाद गम्भीर रूप से घायल भी हुए. फिलवक्त उनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है.

शंकर किशोर महतो ने निर्माण कार्य को जबरन रुकवाया है. इससे लाखो का नुकसान हो चुका है. अमित देसाई ने कहा कि उन्हें पुलिस प्रशासन पर पूरा भरोसा है. हम व्यवसायी अपने हक की लड़ाई कानूनी रूप से लड़ेंगे पर किसी सूरत में रंगदारी नही देंगे. पुलिस प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग है.