संवाद-समन्वय-समाधान से चैम्बर को व्यापारियों की हर समस्या के हल का केंद्र बनाऊंगा: राजीव शर्मा

जिला चैंबर (फेडरेशन ऑफ़ धनबाद जिला चैम्बर ऑफ़ काॅमर्स) का चुनाव आगामी 30 जनवरी को निर्धारित है. व्यवसायियों एवं व्यापारियों की सबसे बड़ी इस संस्था के अध्यक्ष पद के लिए दो व्यक्ति मैदान में हैं. इनमें से एक हैं राजीव शर्मा. ये धनबाद जिले की चर्चित शख्सियत हैं. बीते दो दशकों से जिले की सामाजिक गतिविधियों में खासे सक्रिय रहे हैं. अपने नफा-नुकसान से बेपरवाह होकर किसी भी विषय पर बेबाक राय रखने, अपनी साफगोई और विषय पर पकड़ के लिए राजीव शर्मा धनबाद के व्यापारिक-राजनीतिक-सामाजिक-बुद्धिजीवी वर्ग में समान प्रभाव रखते हैं. वे अभी कई पद संभाल रहे हैं और धनबाद जिला चैंबर का मुखिया बनने के लिए भी उत्सुक हैं. इसी संदर्भ में हमने उनसे विस्तार से बातचीत की, जिसका कुछ अंश पाठकों के बीच प्रस्तुत कर रहे हैं- 

सिटी लाइवः आप दो-दो बार (2009-11, 2013-15) जिला चैंबर के अध्यक्ष रहे. उससे पूर्व आपने इस संस्था का प्रवक्ता (2001-2007) और महासचिव (2007-09, 2009-11) का पद भी संभाला. एकबार फिर से आप चुनाव लड़ रहे हैं. क्यों ?

राजीव शर्माः ये मित्रों, शुभचिंतकों और व्यापारियों-व्यवसायियों का प्रेम और दवाब दोनों है, जिस वजह से मैंने यह चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. प्रारंभ में मैं अपनी व्यवस्तताओं के कारण हिचकिचा रहा था. लेकिन, जब कोई आपसे अपेक्षाएं रख रहा है, तो मेरा समाज-सेवी चरित्र यह कतई इजाजत नहीं देता कि मैं उन सबों की बातों को इग्नोर कर दूं.  

सिटी लाइवः आप फिलहाल झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसियेशन के महासचिव हैं. एशियन द्वारकादास जालान अस्पताल की संचालक न्यास जीवन रेखा ट्रस्ट के सचिव पद का भार संभाल रहे हैं. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य हैं. बाल कल्याण समिति के ट्रस्टी हैं. फिर, यदि आप जिला चैंबर के अध्यक्ष पद पाने में सफल होते भी हैं, तो क्या आप पद के साथ न्याय कर पायेंगे ?

राजीव शर्माः देखिए, नेपोलियन बोनापार्ट का कथन है- सेनापति से ज्यादा सेना महत्वपूर्ण होती है. इसलिए किसी भी संस्था का काम केवल अध्यक्ष ही नहीं करता है. पूरी टीम संस्था का संचालन करती है. जहां तक बात संस्था में समय देने और पद के साथ न्याय करने की बात है, तो मैं चैम्बर से विलग कब हुआ ? ऐसा कभी नहीं हुआ, जब मेरी जरूरत हुई और मैं व्यवसायियों और व्यापारियों के लिए खड़ा नहीं हुआ. हर सुख-दुख में मैं साथ रहा. चैम्बर के संरक्षक के रूप में भी मैंने अपना हर कर्तव्य पूरा किया. अध्यक्ष के रूप में मैं लवलेश-मात्र भी अपने कर्तव्यों से नहीं डिगूंगा, यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूं. 

सिटी लाइवः धनबाद एक बहुत बड़ा जिला है. व्यवसायियों और व्यापारियों की संख्या भी काफी है. पूरा चैम्बर संभालना कोई आसान काम नहीं है. आपकी क्या प्लानिंग है ?

राजीव शर्माः देखिए, यदि मैं जीतकर पुनः अध्यक्ष पद को ग्रहण करूंगा, तो मैं सबसे पहले संगठन के विकेन्द्रीकरण करने का काम प्राथमिकता के तौर पर करुंगा, ताकि संगठन से जुड़े लोगों की समस्या का अधिकाधिक समाधान हो. चैम्बर के सभी पदों के काम और जवाबदेही तय करूंगा, ताकि पदों का आउटपुट अधिक-से-अधिक निकल सके.  

सिटी लाइव: चैम्बर और भावी अध्यक्ष  के समक्ष क्या-क्या चुनौतियाँ देखते हैं ?

राजीव शर्मा: आज चैम्बर दोराहे पर खड़ा है और व्यापार एवं उद्योग के लिए यह संक्रमण काल भी है, इस घनघोर मंदी, ऑनलाइन व्यापार से होने वाले नुकसान तथा जीएसटी में होने वाली परेशानियों से हम सभी पस्त एवं त्रस्त हो चुके हैं, इस विषय पर चाहे सरकार से वार्ता हो या उच्च पदाधिकारियों से चर्चा अथवा अपराधी तत्वों पर लगाम इसके लिए हम सबको तत्पर रहने की आवश्यकता है. संगठन में बेहतर संवाद, समन्वय और समाधान की तरफ बढ़ने की आवश्यकता है. उद्योग-व्यवसाय के अनुकूल माहौल बनाना है.

सिटी लाइवः धनबाद जिला चैम्बर में आपके अध्यक्ष बनने की सूरत में सबसे पहला परिवर्तन क्या दृष्टिगोचर होगा ?

राजीव शर्माः व्यापारी एवं व्यवसायी के किसी भी समस्या का समाधान केंद्र के रूप में स्थानीय चैम्बर को सशक्त करुंगा. यहां ऐसी व्यवस्था होगी, जहां व्यापारी या व्यवसायी को अपनी किसी भी समस्या पर चर्चा से न हिचकिचाए  और उसे उसकी परेशानी में  का हल मिल जाए. संगठन का सशक्तिकरण प्राथमिकता में होगा. सभी व्यापारी एक छत के नीचे लाये जाएंगे. हम ऐसी व्यवस्था भी करेंगे कि किसी भी व्यापारी या व्यवसायी के साथ कोई समस्या आती है, तो सबसे पहले स्थानीय चैम्बर उनकी समस्या को सुलझाने का हरसंभव प्रयास करेगा. वह व्यापारी या व्यवसायी; चैम्बर का सदस्य है अथवा नहीं, यह बाद में देखा जाएगा.  

सिटी लाइवः चैम्बर के काम करने के तौर-तरीकों एवं कार्यप्रणाली में क्या कुछ परिवर्तन आएगा

राजीव शर्माः चैम्बर में तीन चरण की व्यवस्था विकसित करूंगा. स्थानीय, जोनल और जिला स्तर. तीन चरण पर समस्यों का प्रस्तुतिकरण और समाधान होगा. व्यापारियों या व्यवसायियों की समस्याओं का निराकरण यदि स्थानीय स्तर पर नहीं होगा, तो जोनल स्तर पर होगा. यदि वहां भी नहीं होगा, तब जिला की भूमिका प्रारंभ होगी. कहने का अर्थ है कि जिले से भौगोलिक दूरी किसी स्थान विशेष के व्यापारियों की समस्याएं सुलझाने में बाधक नहीं बनेगी. इस त्रि-स्तरीय व्यवस्था से संगठन एवं संगठन के सभी लोगों को काफी फायदा होगा. यह व्यवस्था मेरे पिछले कार्यकाल में भी काफी सफल रही थी. पिछले कुछ समय से शिथिल हो गयी थी. अब इसे पुनर्जीवित करूँगा.  

सिटी लाइव: बीते कुछ समय में व्यापरियों एवं व्यवसायियों से रंगदारी मांगने की घटना हुई है. भय और असुरक्षा का माहौल बना है. कैसे इसका निस्तार करेंगे ?

राजीव शर्मा: अभी पिछले दिनों आपराधिक तत्वों द्वारा दी जा रही धमकी से निपटने के लिए व्यवसायियों को सतर्क रहने और प्रशासन से सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जाएगी. व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को प्राथमिकता के आधार पर हथियार के लाइसेंस मिले इसके गंभीर प्रयास किया जाएगा.

सिटी लाइवः ग्रीन पीस की ओर से जारी रैंकिंग में प्रदूषण के मामले में झरिया व धनबाद क्रमशः पहले और दूसरे पायदान पर है. इसपर पर आपकी क्या कार्ययोजना है ?

राजीव शर्माः देखिए, बतौर झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य मैंने प्रदूषण की समस्या को बड़ी बारीकी से देखा-जांचा-परखा है और उसका हल ढूंढने का समुचित प्रयास किया है. नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में धनबाद को शामिल किया है. बोर्ड ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए नगर निगम को 10 करोड़ रुपए दिए हैं. बीसीसीएल को दो साल में 30 प्रतिशत प्रदूषण कम करने का टास्क दिया गया हैकोयला लोडिंग/अनलोडिंग के समय जल छिढ़काव, आटोमेटिक स्प्रिंकलर, कोयले की आंतरिक ढुलाई के लिए कंक्रीट रोड एवं अन्य बहुत सारे उपाय किये जाने के लिए मास्टर प्लान बना है. अभी PM10 एनेलाइजर कुल 20 जगहों पर लगेंगे, जो सर्वर के माध्यम से प्रदूषण बोर्ड से जुड़े रहेंगे. इसके स्थापित हो जाने के बाद, किसी जगह विशेष पर कितना प्रदूषण है, कोई भी व्यक्ति या संस्था तत्काल जान पायेगी. बीसीसीएल को PM10/PM2. 5 को कम करने के लिए प्रदूषित क्षेत्रों में आटोमेटिक वाटर स्प्रींकलर भी लगाना है. सशक्त स्थानीय चैम्बर एवं व्यापारियों की मदद से इन पूरी व्यवस्थाओं को सुधारने में अपनी हरसंभव भूमिका, प्राथमिकता के तौर पर अदा करूँगा.

सिटी लाइवः ऐतिहासिक शहर झरिया का विस्थापन का मुद्दा बड़ा जटिल हो गया है. व्यापारियों एवं व्यवसायियों की बड़ी तादाद और उनके लिए एक सक्षम बाजार भी झरिया में है. आपकी भूमिका चैंबर के माध्यम से क्या रहेगी ?

राजीव शर्मा: निश्चित रूप से झरिया ऐतिहासिक शहर है. दुखद पहलू है कि झरिया के लिए जो हुक्मरान फैसला ले रहे हैं, उसमें झरियावासियों को पूछा ही नहीं जा रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. झरिया के लोगों से राय ही नहीं ली गई है अबतक. बेलगढ़िया टाउनशिप के मुद्दे पर ही झरियावासियों से आजतक विचार नहीं लिया गया. हमारा प्रयास रहेगा कि झरिया पर जो कोई भी फैसला हो, उसमें झरियावासियों की भूमिका हो. झरिया के लोगों की राय उनसे संबंधित हर विषय पर ली जाए.