गुजराती समाज ने घरों में किया गया रास गरबा, ऑनलाइन किया जाएगा प्रसारण

धनबाद. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस बार सार्वजनिक रूप से रास गरबा कार्यक्रम पर प्रतिबंध है. परंपरा को निभाने के लिए गुजराती परिवारों ने अपने अपने घर में परिवार के सदस्यों के साथ अंबे मां के पारंपरिक गरबा गीत पर गरबा किया. सर्वप्रथम दीपक और धूप जलाकर मां अम्बे का आह्वान किया गया. उसके बाद सांकेतिक तरीके से पांच पांच पारंपरिक गरबा गीत पर महिलाओं व पुरुषों ने गरबा किया.

कोलफील्ड गुजराती समाज के अध्यक्ष दीपक उदानी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए इस बार समाज ने ऑनलाइन गरबा करने का निर्णय लिया है. महिलाएं अपने अपने घर में गरबा करके उसके वीडियो उपलब्ध कराएंगे, जिसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया जाएगा.