बोले सुदेश - पांडवों की तरह सिर्फ पांच गांव मांगे थे, नहीं मिला तो रणभूमि में

सिंदरी : आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि महाभारत के पांडवों की तरह हमने भी भाजपा गठबंधन से सिर्फ पांच गांव मांगा था. परंतु उन्होंने नकार दिया और विवश होकर हमें महाभारत के लिए रणभूमि में उतरना पड़ा.

झारखंड की संस्कृति परपंरा व स्वाभिमान और गांवों की अस्तित्व को बचाने के लिए रणभूमि में उतरना ही पड़ा.

सिंदरी के रांगामाटी टीओपी मैदान में सिंदरी के आजसू प्रत्याशी मंटू महतो के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा मुझ पर गठबंधन तोड़ने का आरोप लगाया जा रहा है. परंतु मेरे लिए झारखंडियों का स्वाभिमान ज्यादा जरुरी था.

उन्होंने रघुवर दास सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पारा शिक्षक और आंगनबाड़ी सेविकाएं गांव की धरोहर हैं. लेकिन रघुवर सरकार ने शिक्षकों एवं सेविकाओं पर लाठी चलाकर अपमान किया है. जबकि इनको सम्मान मिलता चाहिए.

उन्होंने कहा कि धनबाद, झरिया और सिंदरी शहर नहीं हैं. यहां की पूरी व्यवस्था गांव की है. पहले इन गांव के जमीन का अधिग्रहण कर ग्रमीणों को विस्थापित किया गया.

अब उन्हें राजनीति से विस्थापित करने की साजिश चल रही है. रघुवर सरकार को नौकरशाहों का सरकार बताया और कहा कि यदि आजसू की सरकार आएगी तो गांव के चौपाल से विकास की गाथा लिखी जाएगी.

उन्होंने लोगों से गांव की सरकार के लिए मंटू महतो को जिताने की अपील की. मंटू महतो ने कहा कि नेता को नहीं बल्कि सेवक के लिए आजसू को वोट दें.  

सभा को पाकुड़ के पूर्व विधायक अकिल अख्तर, पूर्व मंत्री आबो देवी, बलराम महतो, राजेश चौधरी, पवन शर्मा, संजय शर्मा, सुमित पांडे, सपन हलधर ने भी सभा को संबोधित किया.