खुशखबरीः एसबीआइ का धनबाद जोनल ऑफिस का देवघर कार्यालय में विलय रूका, देवघर ऑफिस आएगा धनबाद

धनबादः आखिकार धनबाद के लोगों की देवघर पर पहली जीत हुई है. एयरपोर्ट, एम्स, दुरंतो आदि के मामले में धनबाद को लगातार हार मिल रही थी. लेकिन, इस बार एसबीआइ जोनल ऑफिस के मामले में ऐसा नहीं हुआ है. जोनल ऑफिस को धनबाद शिफ्ट करने का फैसला फिलहाल स्थगित कर दिया है.  

कड़े प्रतिरोध की हुई जीत 

पिछले एक महीने से धनबाद में एसबीआइ जोनल ऑफिस के देवघर जाने के मुद्दे को लेकर व्यापारिक और राजनीतिक प्याले में मची उथल-पुथल शांत हो गई है. धनबाद के लोगों के कड़े प्रतिरोध की जीत हुई है.    

मुंबई स्थित काॅरपोरेट ऑफिस से इस आशय का एक मेल पटना ऑफिस आया है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. एसबीआइ ने 1 जून, 2020 से धनबाद जोनल ऑफिस को बंद कर देवघर शिफ्ट करने का निर्णय लिया था. इस निर्णय का यहां के व्यवसायी और जनप्रतिनिधि विरोध कर रहे थे. धनबाद के व्यवसायी एसबीआइ के फैसले के विरोध में खाता बंद करने का अभियान चला रहे थे. राजनीतिक स्तर पर एसबीआइ से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की जा रही थी. सांसद पीएन सिंह और विधायक राज सिन्हा समेत कई संगठनों ने एसबीआइ से लिखित रूप से जोनल ऑफिस को देवघर ऑफिस में शिफ्ट न करने की मांग की थी. इसके बाद एसबीआइ ने अपना फैसला बदलने का निर्णय लिया है.  

जयंत सिन्हा ने बताया कि ऑफिस के देवघर जाने के स्थगित करने के फैसले पर एसबीआइ चेयरमैन ने दस्तखत कर दिया हैः राज सिन्हा

इस मामले में धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि, ‘‘हालांकि धनबाद जिले से कई सारे प्रयास इस संबंध में हो रहे थे. सांसद से लेकर व्यापारिक संगठनों ने अपने-अपने स्तर से काफी कोशिशें की. मैं झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और भूतपूर्व वित्त राज्यमंत्री व हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा से संपर्क में था. पीएमओ ने इस मामले में संज्ञान लिया था. इस पर एसबीआइ चेयरमैन ने मर्जर के कारण संबंधी कागजात तलब किए थे. जयंत सिन्हा ने ही मुझे बताया कि धनबाद जोनल ऑफिस के देवघर ऑफिस में विलय पर रोक के आदेश पर एसबीआइ चेयरमैन रजनीश कुमार ने हस्ताक्षर कर दिया है. एक-दो दिनों में पत्र धनबाद ऑफिस में पहुंच जाएगा. ’’ 

 जोनल ऑफिस का रूकना स्वागतयोग्य कदमः जीटा

एसबीआइ के इस फैसले का झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसियेशन के अध्यक्ष अमितेश सहाय एवं महासचिव राजीव शर्मा ने स्वागत किया है. पदाधिकारीद्वय ने कहा है कि  धनबाद के एसबीआइ जोनल ऑफिस की शिफ्टिंग देवघर होने से रुकना एक सकारात्मक कदम है. इस कार्य में धनबाद की तमाम जनता लाॅकडाउन में भी पत्राचार, सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया इत्यादि साधनों से भारी विरोध प्रकट कर रही थी. धनबाद के तमाम जनप्रतिनिधियों, धनबाद के तमाम उद्योगपतियों, व्यवसायियों, आम जन सभी को इस मुद्दे पर बहुत-बहुत बधाई. यह एक समवेत प्रयास था.  

लाॅकडाउन में धनबाद की जनता का संघर्ष अभूतपूर्वः चेतन गोयनका

फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा है कि एसबीआइ कार्यालय का स्थानांतरण रुकना औद्योगिक दृष्टिकोण से धनबाद की जनता के लिए आंतरिक सुकून के समान है. इस कार्य को अंजाम देने में धनबाद की तमाम जनता, सभी 55 चेम्बरों ने अभूतपूर्व योगदान दिया है. इस वैश्विक महामारी को झेलने एवं लॉकडाउन के समय में भी सभी लोगों द्वारा पत्राचार, सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया इत्यादि साधनों के माध्यम से संघर्ष अभूतपूर्व रहा.  

अब देवघर ऑफिस का हो सकता है धनबाद में विलय

एसबीआइ का जोनल ऑफिस धनबाद और देवघर में 2012 से अलग-अलग संचालित है. मर्जर पाॅलिसी के तहत धनबाद ऑफिस को देवघर ऑफिस में विलय किया जा रहा था. जबकि धनबाद की तुलना में देवघर का कारोबार छोटा है. धनबाद ऑफिस के शिफ्टिंग स्थगित होने पर अब देवघर कार्यालय को धनबाद में मर्ज किया जा सकता है.  

धनबाद के कर्मचारियों को देवघर में ज्वाइन करने से रोका गया

बुधवार देर रात धनबाद में इस फैसले की सूचना लोगों को मिली, तो काफी राहत महसूस हुई. लेकिन, दोपहर ही ये खबर आ गई थी कि धनबाद के कर्मचारी, जिन्हें देवघर जोनल कार्यालय में योगदान देना था. उन्हें प्रबंधन ने रोक दिया. इस खबर के बाद से यह कयास लगने शुरू हो गए थे कि शायद उच्च प्रबंधन जोनल कार्यालय को धनबाद में रहने देने का विचार कर रहा है.