राष्ट्रीय तीरंदाज ममता को सेल ने दी कोच की नौकरी, भाजमो नेता रमेश पांडेय ने दी बधाई

धनबाद. होनहार राष्ट्रीय चैंपियन तीरंदाज गोल्डेन गर्ल ममता टुडू अब झाल मुढ़ी, पकौड़े नहीं बेचेगी. गरीबी और खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रही ममता टुडू की मदद के लिए सेल बोकारो ने हाथ बढ़ाया है. सेल ने ममता को डे बोर्डिंग आर्चरी सेंटर में बतौर कोच नौकरी दी है.  

भारतीय जनतंत्र मोर्चा के प्रदेश स्तरीय नेता व समाजसेवी रमेश पांडेय शुक्रवार को ममता टुडू को बधाई देने उसके घर पहुंचे. बुके देकर ममता को बधाई एवं शुभकामनाएं दी.  

ममता ने जानकारी देते हुए रमेश पांडेय को बताया कि वह आगामी सोमवार शुक्रवार से बोकारो में डे बोर्डिंग आर्चरी सेंटर में बतौर कोच योगदान देगी. ममता ने इसके लिए सेल कंपनी के साथ-साथ राष्ट्रीय खिलाड़ी करण कर्मकार और कोच मो शमशाद का आभार जताया. घर के बाहर चाय-पकौड़े की दुकान लगाने वाली ममता ने रमेश पांडेय से कहा कि अब वह अपने सपने को पूरा करेगी. मौके पर रमेश पांडेय ने ममता को पुनः एक बार हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

बता दें कि झारखंड की रहने वाली ममता एक राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज है जिसने विजयवाड़ा में हुई अंडर 13 तीरंदाजी में नेशनल चैंपियन का अवार्ड जीता था. तब से लोग उसे ´गोल्डन गर्ल´ के नाम से जानने लगे. 2010 और 2014 में ममता ने जूनियर और सब जूनियर कैटगरी में गोल्ड मेडल जीता था. लेकिन गरीबी की वजह से ममता अपना खेल आगे जारी नहीं रख पाई. ममता पकौड़े बेचकर अपनी आजीविका चला रही हैं. राष्ट्रीय स्तर का धनुष नहीं मिलने की वजह से ममता ने कई बड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लिया.

तीरंदाज गोल्डेन गर्ल ममता टुडू के हौसले की राह में गरीबी बाधा नहीं बने इसको लेकर भारतीय जनतंत्र मोर्चा के प्रदेश स्तरीय नेता एवं समाजसेवी रमेश पांडेय ने मदद का हाथ बढ़ाया. गोल्डेन गर्ल ममता को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया. बीते रविवार को रमेश पांडेय तीरंदाज गोल्डेन गर्ल ममता टुडू से उसके आवास पर जाकर मुलाकात किए.

 उन्होंने ममता को 11 हजार रुपये का सहयोग तत्काल दिया. ममता ने रमेश पांडेय को आश्वस्त किया है कि आज के बाद वह झाल मुढ़ी नहीं बेचेगी. ममता ने रमेश से रोजगार दिलाने की बात कही थी जिसपर भाजमो नेता रमेश पांडेय ने आश्वस्त कराया था कि वे जल्द ही ममता को कहीं नियोजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे. गुरुवार को  सेल, बोकारो ने ममता को डे बोर्डिंग आर्चरी सेंटर में बतौर कोच नौकरी दी है.  

ममता की मां ने कहा कि रमेश पांडेय ने मदद दी इसके बाद ममता को सेल के डे बोर्डिंग आर्चरी सेंटर में बतौर कोच नौकरी मिली है. उम्मीद है कि अब बेटी ममता का सपना पूरा हो जाएगा. बेटी का सपना मतलब पूरे परिवार का सपना.