आखिरकार जीवन से नाता तोड़ गए कांग्रेस से जनम-जनम का संबंध रखने वाले राजेन्द्र

धनबादः ट्विटर पर जैसे ही आप बेरमो विधायक एवं झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह का अकाउंट ओपन करेंगे, वहां उन्होंने अपने बारे में यह लिखा है-कांग्रेस संगठन से जन्मों-जनम का नाता, जनता की सेवा में चौबीसों घंटा समर्पित. सही अर्थों में जीवन भर कांग्रेस से व कांग्रेस के लिए राजनीति करने वाले राजेन्द्र प्रसाद सिंह एक साथ कांग्रेस और जीवन; दोनों से नाता तोड़ गए. आज दोपहर गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हो गया. वे 74 वर्ष के थे.  कल बेरमो में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. 

सीएम हेमंत, राहुल, आरपीएन सिंह समेत सभी बड़े नेताओं ने जताया शोक

उनके निधन पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि बेरमो से विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आदरणीय राजेन्द्र सिंह जी के निधन की खबर सुनकर मन आहत है. परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान कर परिवारजनों को इस दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति प्रदान करे. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं निवर्तमान विधायक राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी की आकस्मिक मृत्यु की खबर से दुखी हूं. इनका निधन कांग्रेस पार्टी एवं मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. इस दुःख की घड़ी में मेरी शोक संवेदनाएँ उनके परिवार और प्रियजनों के साथ है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि झारखंड कांग्रेस के अभिभावक, पितातुल्य, पूर्व मंत्री और वर्तमान में बेरमो विधायक राजेन्द्र सिंह जी के निधन की सूचना से मर्माहत हूँ. आज पार्टी के साथ मैंने भी अपना अभिभावक खोया है. ये मेरी व्यक्तिगत क्षति है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को हिम्मत दे. राकोमसं के महामंत्री एके झा ने कहा है कि झारखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आदरणीय राजेंद्र सिंह जी के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. ये मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. एक सादगीपसंद, कर्तव्यनिष्ठ नेता थे. उनके निधन से कांग्रेस पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति दे.

6 बार बेरमो के विधायक बने थे महज 12वीं पास राजेन्द्र

महज 12वीं पास विधायक राजेन्द्र प्रसाद सिंह बेरमो के छह बार विधायक बने थे. हर बार कांग्रेस के टिकट पर ही जीते. 1985, 1990, 1995 तथा 2000 में लगातार चार बार प्रतिनिधित्व किया. 2005 के विस चुनाव में भाजपा के नये चेहरे योगेश्वर महतो बाटुल से हार गये. 2009 के विस चुनाव में पुनः राजेंद्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल को पराजित कर इस क्षेत्र से पांचवीं बार विधायक बने. फिर 2014 में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. 2019 के विधानसभा चुनाव में एकबार फिर से राजेन्द्र चुनाव जीत कर सदन पहुंचे थे.  

नवादा से दसवीं और गया काॅलेज से पास की थी प्री यूनिवर्सिटी

भुवनेश्वर प्रसाद सिंह के पुत्र स्व. राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने नवादा के लौंध हाई स्कूल से 1958-19 में दसवीं की परीक्षा पास की थी. वहीं, गया के गया काॅलेज से सन् 1962-63 में प्री यूनिवर्सिटी उत्तीर्ण किया था.  

कई पदों पर थे राजेन्द्र 

कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेन्द्र प्रसाद सिंह झारखंड में ऊर्जा के साथ-साथ अन्य कई महत्वपूर्ण पोर्टफोलियों के मंत्री रहे थे. वर्तमान में वे इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री, राकोमसं, आइएनएमएफ व झारखंड इंटक के अध्यक्ष, गांधी श्रम प्रतिष्ठान (पुरी) के संरक्षक पद पर थे.   

पिछले एक महीने से चल रहे थे बीमार 

पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह अप्रैल के उत्तरार्ध से बीमार चल रहे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें रांची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन, उनकी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें बाहर ले जाने की सलाह दी थी. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड सरकार के मंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी उन्हें देखने अस्पताल भी गए थे. इसके बाद पूर्व मंत्री को एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था. वहां उन्हें बेहतर इलाज के लिए गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनका इलाज आजतक चल रहा था. उन्हें फेफड़े में संक्रमण की शिकायत थी.   

पूर्व सीएम बिंदेश्वरी दुबे की उंगली पकड़ सीखी थी राजनीति 

राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इंटक नेता स्व. बिंदेश्वरी दूबे की उंगली पकड़ कर राजनीति सीखी थी. राजेन्द्र सिंह उन्हें अपना गुरू मानते थे. बेरमो विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे स्व बिंदेश्वरी दुबे एकमात्र ऐसे नेता हुए, जिन्होंने एकीकृत बिहार में मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय कानून व श्रम मंत्री तक का सफर तय किया था. स्व दुबे केंद्रीय इंटक के अध्यक्ष के अलावा 1988 में राज्यसभा सांसद भी रहे. स्व बिंदेश्वरी दुबे चार बार तथा राजेंद्र प्रसाद सिंह छह बार बेरमो से विधायक रहे. बिंदेश्वरी दुबे ने बेरमो विस सीट से सात बार चुनाव लड़ा और चार बार जीते थे. वहीं, राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कांग्रेस से ही बेरमो विधानसभा का चुनाव आठ बार लड़ा था, जिसमें वे 1985, 1990, 1995, 2000, 2009, 2019 में विधायक बनने में सफल रहे थे.