युवा संघर्ष मोर्चा तालाब में उतरकर सरकार के निर्णय का जताया विरोध

धनबाद. छठ घाट पर पूजा करने पर प्रतिबंध के विरोध में युवा संघर्ष मोर्चा (जनवादी) के नेतृत्व में मनईटांड़ की महिला - पुरुष मंगलवार को मनईटांड़ छठ तालाब में खड़े होकर राज्य सरकार के फैसले का विरोध जताया. धार्मिक भावनाओ से खेलना बंद करे सरकार, छठ घाट पर प्रतिबंध हटाएं सरकार, सरकार को हमारी मांग माननी होगी.

सरकार अपना निर्णय वापस ले आदि श्लोगन लिखे पोस्टर के साथ सभी ने अपनी आवाज बुलंद की. इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन आजसू, भाजपा के नेताओ ने भी किया. युवा संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष दिलीप सिंह ने कहा राज्य सरकार ने कोरोना के मद्देनजर छठ पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी किया है जिसमे छठ व्रतियों के घाटों पर जाने पर प्रतिबंध लगाया है.  

लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा में नदी तालाबों में जाकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पण करने पर रोक कही से भी न्याय संगत नही है. हिंदुओ के इस महान छठ पर्व में अर्घ्य देने की परंपरा वर्षो पुरानी है. परंपरा के विपरीत सरकार का निर्णय समझ से परे है. कोविड 19 के तमाम नियमों का कड़ाई से पालन कराते हुए व्रतियों, श्रद्धालुओ को घाटों पर जाने की स्वीकृति सरकार को प्रदान करनी चाहिए.  

आजसू नेता पप्पू सिंह ने मोर्चा के आंदोलन को जायज बताते हुए सरकार से मांग की है कि घाटों पर पूजा करने पर प्रतिबंध हटना चाहिए. भाजपा नेत्री बॉबी पांडेय ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा सरकार धार्मिक भावनाओं से खेल रही है. व्रतियों को घाट पर जाने पर प्रतिबंध लगाना कही से जायज नही है.  

समाजसेवी हीरा साव ने कहा सरकार ने प्रतिबंध जरूर लगाया है पर इसके साथ साथ व्रतियों को वैकल्पिक व्यवस्था भी करानी चाहिए. हर किसी के लिए घर पर अर्घ्य देने की व्यवस्था कर पाना मुमकिन नही है. कोविड 19 के नियमों को लागू कराते हुए घाटों पर पूजा करने की अनुमति दिया जाना चाहिए. इस विरोध प्रदर्शन में संतोष कुशवाहा, जगदीश साव, रॉकी सिन्हा, पीयूष सिंह, सोनू गिरि, शिवम, पिंटू आदि शामिल थे.