बेहतरीन अभिनय से दर्शकों का मन जीतने वाले आशुतोष राणा का जन्मदिन आज, जानिए उनकी जिंदगी के कुछ अनकहे पलों के बारे में

´जख्म´, ´दुश्मन´ और ´संघर्ष´ जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय से दर्शकों का मन जीतने वाले आशुतोष राणा आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं. टीवी सीरियल ´स्वाभिमान´ से अपना करियर शुरू करने वाले आशुतोष मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. फिल्म ´दुश्मन´ में साइको किलर का किरदार निभाकर दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए थे.

आशुतोष अलग किरदार करने के लिए जाने जाते हैं. आशुतोष पूजा-पाठ करने वाले धार्मिक इंसान है. उन्हें पूजा-पाठ का बहुत शौक है. वो भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं. वो अपने इस शौक को अपनी आस्था तथा धार्मिक विश्वास का रूप मानते हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वो अपने गुरु के कहने पर ही फिल्म जगत में आए थे और अब तक 30 से अधिक फिल्मों तथा कई टीवी सीरियलों में काम कर चुके हैं.

आशुतोष की जिंदगी में एक दिन ऐसा भी आया था जब उन्हें सेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. आज वही आशुतोष राणा अपने दमदार अभिनय से बॉलीवुड में तहलका मचा रहे हैं. उनके जन्मदिन के अवसर पर जानते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अनकहे पलों के बारे में. आशुतोष ने एक इंटरव्यू में अपने फिल्मी करियर की बात सुनाते हुए बताया था कि एक बार वो फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट से मिलने गए थे.

भारतीय परंपरा के अनुसार, उन्होंने महेश भट्ट के पांव छू लिए. पांव छूते ही वो भड़क उठे क्योंकि उन्हें पैर छूने वालों से बहुत नफरत थी. उन्होंने आशुतोष को अपने फिल्म सेट से बाहर निकलवा दिया. इतना ही नहीं वो अपने सहायक निर्देशकों पर भी काफी गुस्सा हुए कि आखिर उन्होंने उसे कैसे फिल्म के सेट पर घुसने दिया. आशुतोष ने कहा कि इतने अपमान के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.  

जब भी महेश भट्ट मिलते या कहीं दिखते हैं तो वह लपक कर उनके पैर छू लेते हैं. उन्होंने बताया कि आखिर महेश भट्ट ने एक दिन उनसे पूछ ही लिया कि वो उनके पैर क्यों छूते हैं जब कि उन्हें इससे नफरत है. आशुतोष ने जवाब दिया कि बड़ों के पैर छूना उनके संस्कार में है जिसे वो नहीं छोड़ सकते. आशुतोष ने कहा इस पर महेश भट्ट ने उन्हें गले से लगा लिया और टीवी सीरियल ´स्वाभिमान´ में उन्हें गुंडे का पहला रोल दिया.  

बाद में तो आशुतोष ने महेश भट्ट के साथ कई फिल्मों में काम किया जिसमें ´जख्म´, ´दुश्मन´ प्रमुख हैं. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के 1994 बैच के छात्र रहे आशुतोष राणा कहते हैं कि वो मध्यप्रदेश के रहने वाले एक सामान्य से छात्र थे और एलएलबी की पढ़ाई के बाद वकालत में अपना करियर बनाना चाहते थे.

आशुतोष ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद में उन्हें एनएसडी में ही नौकरी का ऑफर हुआ लेकिन उन्होंने फिल्म जगत में आने का रास्ता चुना. उनका कहना है कि वह चाहे शूटिंग में कितने ही व्यस्त क्यों न हों लेकिन जब उनके गुरु सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण महारुद्र यज्ञ के लिए बुलाते हैं तो वो सारे काम छोड़कर आ जाते हैं.

आशुतोष राणा की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने रेणुका साहणे से शादी की है. रेणुका और आशुतोष की पहली मुलाकात फिल्म ´जयति´ की शूटिंग के दौरान हुई थी. इसके बाद कई महीनों तक दोनों में कोई बात नहीं हुई. 1998 अक्टूबर में आशुतोष ने रेणुका को फोन कर दिवाली विश की. इसके बाद दो-तीन दिन उन्होंने लगातार रेणुका को फोन किया.

रेणुका के लिए ये सब सामान्य नहीं था. एक दिन रेणुका ने आशुतोष को फोन किया और एक घंटे तक बात की. उसके बाद 3 महीने तक दोनों फोन पर ही बात करते रहे. रेणुका की एक शादी पहले ही टूट चुकी थी. ये बात आशुतोष को पता थी फिर भी उन्होंने रेणुका पर विश्वास दिखाया और अब दोनों के दो बच्चे शौर्यमन और सत्येंद्र हैं.




Web Title : HERES A HAPPY BIRTHDAY OF AN AUDIENCE WITH THE BEST IN MIND, AN UNTOLD MOMENTS ABOUT HIS LIFE