Movie Review : सत्य घटनाओं पर आधारित है पीहू

लंबे समय से पत्रकारिता जगत में कार्यरत विनोद कापड़ी ने कई डॉक्यूमेंट्री फिल्म्स बनाने के बाद फिल्ममेकिंग का काम मूवी ´मिस टनकपुर हाजिर हो´ से शुरू किया. उसके बाद एक नेशनल अवॉर्ड विनिंग शॉर्ट फिल्म भी बनाई और अब सच्ची घटनाओं पर आधारित ´पीहू´ फिल्म का निर्माण किया है.  

क्या है फिल्म की कहानी

पीहू एक थ्रिलर कहानी है. फिल्म की कहानी दिल्ली से सटे एनसीआर के एक घर की है, जहां बेटी का जन्मदिन मनाने के ठीक बाद मां का देहांत हो जाता है. 2 साल की बच्ची पीहू (मायरा) पूरे समय बिस्तर पर मृत अवस्था में लेटी हुई अपनी मां के साथ बार-बार बातचीत करने का प्रयास करती है. पीहू को किसी भी चीज का संज्ञान नहीं होता, उसके पिता शहर से बाहर हैं और घर में कोई भी नहीं है.  

इसी बीच बहुत सारी घटनाएं घटती जाती हैं. पीहू घर की बालकनी से लेकर नीचे लॉबी तक आती जाती है. उसे किसी भी चीज की सुध नहीं है. किसी से वो बातचीत भी नहीं कर पाती है. क्योंकि ठीक तरह से बोलना भी नहीं सिख पाई है. तो अंततः क्या होता है, इसका पता लगाने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

क्यों देखें फिल्म

फिल्म की कहानी असल घटनाओं पर आधारित है, जिसे दर्शाने का ढंग काफी दिलचस्प है. सबसे बड़ी बात है कि फिल्म देखते वक्त आप पूरे समय पीहू की सहायता करते हुए उसके साथ लगे होते हैं. कई बार इमोशनल पल आते हैं. कहानी आगे बढ़ती जाती है. फिल्म में ऐसे कई सीक्वेंस हैं जब आप दिल थाम के बैठ जाते हैं कि कहीं कोई हादसा ना हो जाए.  

एक बार पीहू गैस पर रोटी गर्म करने जाती है, तो कई बार लोग दरवाजे पर दस्तक देते हैं पर वो दरवाजा खोल पाने में असमर्थ रहती है. एक ही किरदार को लगभग 91 मिनट तक भुना पाने की कला के लिए विनोद बधाई के पात्र हैं.

पीहू का किरदार निभा रही मायरा विश्वकर्मा ने बेहतरीन और उम्दा अभिनय किया है. पीहू पूरी तरह से बांधे रखती है. यह एक ऐसी कहानी है, जिसकी कल्पना मात्र से आप भयभीत हो जाएंगे. एक बड़ा घर, जिसके भीतर 2 साल की बच्ची, अपनी मृत मां के साथ है.  

वो अलग-अलग क्रिया-कलापों को अंजाम दे रही है. ऐसी लड़की, जिसे किसी भी चीज का संज्ञान नहीं है. एक घर में बंद हो जाने के बाद वहां से निकल पाने की कहानी कुछ समय पहले विक्रमादित्य मोटवानी ने ´ट्रैप्ड´ में दर्शाई थी, जिसमें राजकुमार राव ने काम किया था. इस फिल्म में विनोद कापड़ी ने 2 साल की बच्ची से वैसा ही काम करवा लिया है.

कमज़ोर कड़ियां

फिल्म एक थ्रिलर कहानी है, जिसमें बैकग्राउंड स्कोर काफी महत्व रखता है. लेकिन इसका बैकग्राउंड स्कोर कमजोर है. इस वजह से फीलिंग्स का प्रभाव थोड़ा फीका पड़ता है. साथ ही जिन दर्शकों को हंसी मजाक वाला मनोरंजन पसंद है, उनके लिए ये फिल्म नहीं बनी है. फिल्म के कई सीक्वेंस और बेहतर हो सकते थे. साथ ही कुछ नए और दिलचस्प वाले हिस्से जोड़े जाते, तो फिल्म और भी बांध पाने में सफल हो जाती.

बॉक्स ऑफिस

फिल्म का बजट 1 करोड़ से कम है. इसे कई फिल्म फेस्टिवल्स में सराहा भी गया है. इसे रॉनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर जैसे प्रोड्यूसर्स का बैक अप भी मिला हुआ है. फिल्म की रिलीज अच्छी होगी और थिएटर के साथ-साथ टीवी पर भी काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा. बजट की रिकवरी आसानी से हो जाएगी.

फिल्म का नाम : पीहू

डायरेक्टर: विनोद कापड़ी

स्टार कास्ट: मायरा विश्वकर्मा (पीहू)

अवधि: 1 घंटा 32 मिनट

सर्टिफिकेट: U

रेटिंग: 3 स्टार


Web Title : MOVIE REVIEW: TRUTH IS BASED ON EVENTS PIHU