छठ पर्व शुरू होने वाला है, इस साल छठ 31 अक्टूबर से शुरू होकर 2 नवंबर तक चलेगा. इस पर्व को पूरे बिहार सहित झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़े ही हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है. छठ शब्द षष्ठी से बना है, जिसका अर्थ होता है छह, इसलिए यह पर्व चंद्रमा के आरोही चरण के छठे दिन, यानि कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पर मनाया जाता है. कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर यह सप्तमी तक यानि चार दिनों तक चलता है. इस दौरान कई तरह के पकवान बनाए जाते है और कई तरह के फल सूर्य देव को अर्पण किए जाते है. लेकिन क्या आपको पता है की इसके प्रसाद में चढ़ने वाले ठेकुआ और फलों पीछे भी तर्क है?तो आइए जानें क्या है इनके कारण-
*छठ पूजा में वैसे तो कई तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते है लेकिन उसमें सबसे अहम ठेकुए का प्रसाद होता है, जिसे गुड़ और आटे से बनाया जाता है. छठ की पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है. छठ के सूप में इसे शामिल करने के पीछे वैज्ञानिक तर्क यह है कि छठ के साथ सर्दी की शुरुआत हो जाती है और ऐसे में ठंड से बचने और सेहत को ठीक रखने के लिए गुड़ बेहद फायदेमंद होता है.
*छठी की पूजा में प्रसाद में केले का पूरा गुच्छ चढ़ाया जाता है. छठ में केले का भी खास महत्व है. यही वजह है कि प्रसाद के रूप में इसे बांटा और ग्रहण किया जाता है. इसके पीछे तर्क यह है कि छठ पर्व बच्चों के लिए किया जाता है और सर्दियों के मौसम में बच्चों में गैस की समस्या हो जाती हैं. ऐसे में उन्हें इस समस्या से बचाने के लिए प्रसाद में केले को शामिल किया जाता है.
*छठी की पूजा में प्रसाद में गन्ना भी चढ़ाया जाता. अर्घ्य देते समय पूजा की सामग्री में गन्ने का होना जरूर होता है. ऐसा माना जाता है कि छठी मैय्या को गन्ना बहुत प्रिय है. इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. बताया जाता है कि सूर्य की कृपा से ही फसल उत्पन्न होती है और इसलिए छठ में सूर्य को सबसे पहले नई फसल का प्रसाद चढ़ाया जाता है. गन्ना उस नई फसल में से एक है.
*छठ के सूप में नारियल जरूर होता है और इसके पीछे तर्क यह है कि मौसम में बदलाव के कारण होने वाले सर्दी जुकाम की समस्या से नारियल हमें बचाने में मदद करता है. इसके अलावा नारियल कई तरह के अहम पौष्टिक तत्व मौजूद हैं, जो इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने में मदद करते हैं और यही वजह है की इसे प्रसाद में शामिल किया जाता है.
*छठी में प्रसाद में डाभ नींबू जो कि एक विशेष प्रकार का नींबू है चढ़ाया जाता है. आपको बता दें डाभ नींबू हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है और ये हमें कई रोगों से दूर रखता है. डाभ नींबू हमें बदलते मौसम में बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है.
*छठी पूजा में चावल के लड्डू भी चढ़ाए जाते है. इन लड्डुओं को विशेष चावल से बनाया जाता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले चावल धान की कई परतों से तैयार होते हैं. आपको बता दें कि इस दौरान चावलों की भी नई फसल होती है और इसलिए यह माना जाता है कि छठ में सूर्य को सबसे पहले नई फसल का प्रसाद अर्पण किया जाना चाहिए. इसलिए चावल के लड्डू को भोग में चढ़ाने की परंपरा है.