मोटापे के कारण बच्‍चे हो रहे हैं डायबिटीज का शिकार

लगातार टीवी देखना, मोबाइल, इंटरनेट, गेमिंग डिवाइसेज पर लंबा समय बिताने, जंक फूड का जरूरत से ज्‍यादा सेवन, खेलकूद की कमी और निष्क्रिय लाइफस्‍टाइल के चलते आज ज्‍यादातर बच्‍चे मोटापे का शिकार बन रहे हैं. बच्‍चों में बढ़ता मोटापा आजकल चिंता का विषय बन चुका है, जो अन्‍य कई बीमारियों का कारण बन रहा है. खासतौर पर बच्‍चे मोटापे के चलते डायबिटीज का शिकार हो रहे है. जी हां मोटापे का एक घातक परिणाम डायबिटीज के रूप में सामने आ रहा है और डायबिटीज का बुरा असर बॉडी के हर अंग पर पड़ता है. पिछले साल किए गए एक सर्वे के अनुसार, दिल्ली में लगभग 35 प्रतिशत किशोरों का वजन नॉर्मल से अधिक है या वे मोटापे से ग्रस्त हैं. ऐसे में क्‍या किया जाए हर पेरेंट्स के मन में यही सवाल आता है. अगर आपका बच्‍चा भी दिन-ब-दिन मोटा हो रहा है और आपको डायबिटीज का डर सता रहा है तो आइए एक्‍सपर्ट से जानें ऐसे में बच्‍चों को कैसे मोटापे का शिकार और डायबिटीज होने से बचाया जा सकता है.

एक्‍सपर्ट की राय

नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के एंडोक्राइनोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्‍टर एस. के. वांगनू के अनुसार, आजकल बच्चे खेल-कूद की जगह अपना ज्‍यादातर समय इंडोर एक्टिविटी में बिताते हैं. ऐसे में पूरा दिन बैठे-बैठे और बिना किसी फिजिकल एक्टिविटी के चलते वह मोटापे का शिकार हो जाते हैं और इसका घातक परिणाम डायबिटीज के रूप में सामने आता है और डायबिटीज का बुरा असर बॉडी के लगभग हर अंग पर पड़ता है.

उन्होंने यह भी कहा, डायबिटीज नवजात शिशुओं को भी प्रभावित कर सकता है और ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं. नियोनेटल डायबिटीज बच्चों में 6 माह की उम्र से पहले भी हो सकता है. एक अनुमान के अनुसार अकेले दिल्ली में 32 लाख बच्चे डायबिटीज से पीड़ित हैं. ज्यादातर मामलों में ये बच्चे मोटापे का शिकार होते हैं या इनका वजन नॉर्मल से अधिक होता है. अध्ययन के अनुसार, बच्चों में मोटापा टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकता है. लेकिन समय पर निदान से बीमारी के लक्षणों को कंट्रोल में रखा और प्री डायबिटीज को डायबिटीज में बदलने से रोका जा सकता है.

डायबिटीज को कंट्रोल करने के उपाय

डॉक्‍टर एस. के. वांगनू के अनुसार डायबिटीज का मुख्य कारण अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल है. इसलिए इसे अच्छी आदतों से कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए आपको बच्‍चों को कुछ अच्‍छी आदतों को सीखाना होगा.  

सबसे पहले वजन को कंट्रोल में रखें.  

ब्लड शुगर को नियन्त्रण में रखने के लिए बीएमआई सही होना बहुत जरूरी है. इसके लिए काबोहाइड्रेट का सेवन सीमित मात्रा में करें. फाइबर और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें. हरी सब्जियों, फलों, फलियों और साबुत अनाज का सेवन करें.

अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास है तो आपको नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करवानी चाहिए.  

ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड पर कंट्रोल रखें.  

डायबिटीज दिल की बीमारियों का कारण भी बन सकता है. इसलिए ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है.

डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए एक्‍सरसाइज करना बेहद जरूरी होता है. इससे न केवल ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड कंट्रोल में रहते हैं, बल्कि आप रोजमर्रा के तनाव पर भी काबू पा सकते हैं. हफ्ते में कम से कम पांच दिन 45 मिनट के लिए एक्‍सरसाइज करें. इससे आपको अच्छी नींद आएगी.  

नींद पूरी न होने पर भी बच्‍चे बेवजह खाते हैं और इससे वजन भी बढ़ता है.

Web Title : CHILDREN ARE SUFFERING FROM DIABETES DUE TO OBESITY

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