सेना के हथियारों की जरूरतों को देखते हुए 13 हजार 700 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने मंगलवार को भारतीय सुरक्षा बलों की जरूरतों को देखते हुए 13,700 करोड़ रुपये के पूंजीगत अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया- थल, वायु और नौसेना के लिए हथियारों और अन्य रक्षा सामानों की खरीददारी की जाएगी.

रक्षा मंत्रालय ने बयान में आगे कहा गया- ये सभी रक्षा अधिग्रहण प्रस्ताव को स्वदेशी तरीके से डिजाइन, डेवलप और तैयार किया जाएगा. इनमें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की तरफ से तैयार रक्षा सामान भी शामिल है.

बयान में कहा गया- सरकार के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक निश्चित समय-सीमा के अंदर रक्षा सामानों की खरीद प्रक्रिया और तेजी से फैसले के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने मंजूरी दी है और सभी पूंजीगत अधिग्रहण कंट्रैक्ट्स को 2 साल के भीतर पूरा किया जाएगा. मंत्रालय, सेना के तीनों अंगों और सभी स्टेक होल्डर्स के साथ मशविरा कर विस्तृत योजना के साथ आएगा. ”

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने पारदर्शी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि डि-लाइसेंसिंग, डि-रेगुलेशन, निर्यात को बढ़ाने और विदेश निवेश को सरल बनाने के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं.

प्रधानमंत्री ने ये बातें सोमवार को वेबिनार के दौरान कही, इस दौरान संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ना सिर्फ लगातार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दे रही है बल्कि रक्षा क्षेत्र में निर्यात पर भी फोकस कर रही है.


Web Title : 13,700 CRORE PROPOSALS APPROVED IN VIEW OF ARMYS WEAPONS NEEDS

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