चीन को एक और झटका, योगी सरकार ने खारिज किया कानपुर-आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट का टेंडर

बीते दिनों गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत ने आर्थिक मोर्चे पर चीन को घेरना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि भारत सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं. अब भारत की ओर से चीन को एक और झटका दिया गया है. दरअसल, तकनीकी खामियों की वजह से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने कानपुर-आगरा मेट्रो के लिए चीनी कंपनी के टेंडर आवेदन को खारिज कर दिया.

किसको मिला टेंडर?

दरअसल, यूपीएमआरसी ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं हेतु मेट्रो ट्रेनों (रोलिंग स्टॉक्स) की आपूर्ति, परीक्षण और चालू करने के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का टेंडर बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया है. इसके लिए चीन की कंपनी सीआरआरसी नैनजिंग पुजहेन लिमिटेड ने भी टेंडर दिया था लेकिन तकनीकी खामियां पाए जाने के कारण चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया. बता दें कि बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लि. एक भारतीय कॉन्सोर्सियम (कंपनियों का समूह) है.

क्या है कानपुर और आगरा प्रोजेक्ट?

कानपुर और आगरा दोनों ही मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी, जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में 3 कोच होंगे, जिनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी. एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी यानी प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री यात्रा कर सकेंगे.

क्या कहा यूपीएमआरसी ने?

यूपीएमआरसी द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक लखनऊ की ही तर्ज़ पर कानपुर और आगरा में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए सिंगल टेंडर प्रक्रिया अपनाई. देश में पहली बार लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए यह प्रयोग किया गया था, जो बेहद सफ़ल रहा.

बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद कानपुर में एक बार फिर से पूरे ज़ोर के साथ सिविल निर्माण कार्य शुरू करने के बाद, रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम के टेंडर प्रक्रिया का पूरा होना एक बड़ी उपलब्धि है. इससे न सिर्फ़ अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी बल्कि कानपुर और आगरा की जनता का मेट्रो सेवाओं का सपना भी अब जल्द ही पूरा होगा.





Web Title : ANOTHER BLOW TO CHINA, YOGI GOVT REJECTS TENDER OF KANPUR AGRA METRO PROJECT

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