भाजपा ने जम्मू-कश्मीर सरकार से अपना समर्थन लिया वापस, बुलाई बैठक

भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज ही दिल्ली में राज्य के सभी बड़े पार्टी नेताओं के साथ बैठक की जिसके बाद बीजेपी ने समर्थन वापस लेने का फैसला किया है. आज शाम ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपने पद से इस्तीफा देंगी. बताया जा रहा है कि बीजेपी कुछ ही देर में राज्यपाल को अपना पत्र देगी.

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर बड़ी बैठक बुलाई है. अमित शाह ने जम्मू कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं को इस बैठक में बुलाया है. बैठक के लिए अमित शाह पार्टी कार्यालय पहुंच गए हैं.

बीजेपी सूत्रों ने बताया, अमित शाह राज्य में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्री द्वारा आक्रामक कार्रवाई शुरू करने से पहले जम्मू कश्मीर मंत्रिमंडल में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों की राय लेना चाहते हैं. इस बैठक से पहले अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ बैठक की.

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन अभी भी चलता रहेगा. दोनों पार्टियों का एजेंडा राज्य में विकास को आगे बढ़ाना है. गौरतलब है कि रमजान में लागू किए गए सीजफायर के दौरान जवानों पर हमले नहीं रुके, इसके कारण बीजेपी और सरकार की किरकिरी हो रही है. ऐसे में शाह का इस बैठक को बुलाना कोई बड़ा संकेत हो सकता है.

इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने बयान दिया है कि इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव पर चर्चा होगी. इसके अलावा संगठन पर भी बातचीत होगी. उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में बीजेपी का सीएम बनेगा.

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अभी तक राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सलाह पर ही कदम उठाती रही है, चाहे वह रमजान के दौरान सीजफायर का मसला हो या अलगाववादी धड़ा हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ वार्ता का मुद्दा हो. मगर कहा जा रहा है कि मोदी सरकार अब कोई भी फैसला बीजेपी मंत्रियों की सलाह के बिना नहीं ले सकती है.

सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय की मुख्य चिंता अमरनाथ यात्रा को लेकर है. मंत्रालय को आशंका है कि आतंकी कहीं तीर्थयात्रियों को निशाना न बना दें. सूत्रों का कहना है कि अमित शाह पार्टी के मंत्रियों से यह जानना चाहेंगे कि अगर हालात में सुधार होने की गुंजाइश बनती हो तो क्या जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया जाए. साथ ही पूछा जा सकता है कि राज्यपाल शासन लागू करने की वजह से सत्ताधारी पीडीपी से बीजेपी के रिश्ते तो प्रभावित नहीं होंगे?

इससे पहले जम्मू कश्मीर बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई-भाषा से राज्य के पार्टी के सभी मंत्रियों के दिल्ली बुलाए जाने की पुष्टी की है. उन्होंने कहा, ´बैठक के लिए पार्टी के सभी मंत्रियों को नई दिल्ली बुलाया गया है. ´ कयास लगाए जा रहे हैं, अमित शाह कश्मीर की समस्याओं और सियासी हालातों पर चर्चा कर सकते हैं.


Web Title : BJP WITHDRAWS ITS SUPPORT FROM JAMMU AND KASHMIR GOVERNMENT, CONVENES MEETING

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