सुप्रीम कोर्ट का आदेश, बाबरी विध्वंस मामला में फैसला सुनाने तक रिटायर नहीं होंगे जज

बाबरी मस्जिद विध्वंस साजिश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है. इस मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज एसपी यादव के कार्यकाल को बढ़ा दिया है. इस कार्यकाल को तबतक बढ़ा दिया गया है जबतक इस मामले का ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है. अदालत का कहना है कि जबतक मामले में फैसला नहीं आ जाता है तबतक जज रिटायर नहीं होंगे. गौरतलब है कि इस मामले में जो चार्जशीट दाखिल हुई थी उसमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 अन्य का नाम शामिल है.

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेक्शन 142 के तहत असाधारण अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए ये फैसला लिया है. दरअसल, मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज एसपी यादव का कार्यकाल 30 सितंबर, 2019 को खत्म हो रहा था जिसके बाद अदालत ने ये फैसला लिया है.

सर्वोच्च अदालत ने इसी के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट और उत्तर प्रदेश की सरकार को इस मामले के बारे में आदेश दे दिया है और चार हफ्ते के अंदर कार्यकाल को बढ़ाने के लिए कहा है. गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में 9 महीने के अंदर ट्रायल पूरा होना है, ऐसे में माना जा सकता है कि इस मामले में एसपी यादव ही तबतक जज रहेंगे. हालांकि, इस दौरान वह सिर्फ इसी केस पर काम करेंगे और कोई मामला नहीं सुन पाएंगे.

आपको बता दें कि 6 दिसंबर, 1992 में अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया गया था. इसके आरोप में बीजेपी के नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में जो चार्जशीट दाखिल की गई है, उसमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती के अलावा कल्याण सिंह (अब राजस्थान के राज्यपाल), अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

इस घटना से जुड़े केस नंबर 198 में पुलिस अधिकारी गंगा तिवारी ने 8 लोगों के खिलाफ राम कथा कुंज सभा मंच से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ धार्मिक उन्माद भड़काने वाला भाषण देकर बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरवाने का मुकदमा कराया था. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी, 505, 147 और 149 के तहत मुकदमे दायर थे.

Web Title : BABRI MASJID DEMOLITION SUPREME COURT SPECIAL JUDGE TRIAL TENURE

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