नई दिल्ली : राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल 2019 के खिलाफ टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जोरदार बहस की. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि ये बिल राष्ट्रपिता की कब्र पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. आगे उन्होंने अपनी बात साफ की कि कौन से देश के राष्ट्रपिता की कब्र पर ये शब्द लिखे जाएंगे. उन्होंने कहा कि कराची में जिन्ना की कब्र पर ये बिल स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा.
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, मैंने पढ़ा है कि पीएम ने कहा कि ये स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा, मैं आपको बताता हूं कि ये कहां लिखा जाएगा, ये राष्ट्रपिता की कब्र पर लिखा जाएगा, लेकिन किस देश के राष्ट्रपिता की कब्र के ऊपर? ये कराची में जिन्ना की कब्र पर लिखा जाएगा.
टीएमसी सांसद ने नरेंद्र मोदी सरकार पर बरसते हुए कहा कि ये सरकार तीन ´ज´ पर टिकी हुई है. ये ज हैं झूठ, झांसा और जुमला. ब्रायन ने कहा कि सरकार कहती है कि घुसपैठिये यहां के लोगों का अधिकार छीन रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि 2 करोड़ लोगों का रोजगार छीन लिया गया.
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि नागरिकता बिल जो लोग बना रहे हैं उन्होंने इनके प्रावधान नाजी जर्मनी की किताब से कॉपी किया है. टीएमसी सांसद ने कहा कि 84 साल पहले नाजी जर्मनी में दो बिल पास किए गए थे. आज जो हम बिल पास करने जा रहे हैं और उन बिलों में काफी समानता है. 1933 में जर्मनी में कंसट्रेशन कैंप बनाया गया, 2018 में भारत में डिटेंशन कैंप बनाया गया. इन डिटेंशन कैंप में 60 फीसदी लोग बंगाली हिन्दू हैं. 1935 के जर्मनी के नागरिकता कानून में उन लोगों की रक्षा होती थी, जिनकी रगों में जर्मन खून बहता था. आज हमारे पास क्या है? आज हमारे पास एक असंवैधानिक बिल है. 2019 में भारत की नागरिकता साबित करने के लिए आप एक कागज के टुकड़े पर निर्भर हैं.
अब तक बात करते हैं कि 1940 की जर्मनी में यहूदियों को डिपोर्ट करने के लिए मैडागास्कर प्लान बनाया गया था. हमारे पास एक महाप्लान है जिसे NRC भी कहते हैं. जर्मनी में हिटलर ने जिस तरह से खतरे का हौवा खड़ा किया था. उसी तरह से भारत में भी हौवा खड़ा किया जा रहा है कि भारत खतरे में है. इस तरह की भाषा इस्तेमाल की जा रही है.