देश में वैक्सीन के ट्रायल का पहला फेज लगभग पूरा, सितंबर में शुरू हो सकता है दूसरा फेज

रूस ने जब से कोरोना वायरस की वैक्सीन का ऐलान किया है दुनियाभर में हलचल मची है. कई देश वैक्सीन बनाने की रेस में हैं, जिनमें से एक भारत भी है. कोरोना के संकट को मात देने के लिए एक सफल वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगा भारत धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. देश में जारी वैक्सीन के ट्रायल का फेज़ 1 लगभग पूरा हो चुका है. भारत बायोटेक की ओर से बनाई जा रही को-वैक्सीन का पहला ट्रायल पूरा होने के बाद सितंबर में दूसरे फेज़ की शुरुआत होगी.

भारत बायोटेक के तहत कुल 12 सेंटर पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, इनमें दिल्ली के एम्स अस्पताल में अभी पहला फेज़ जारी है. जबकि अन्य 11 पर लगभग ये पूरा हो गया है. दिल्ली एम्स में ट्रायल के लिए सिर्फ 16 कैंडिडेट ही सामने आ सके. जबकि सभी 12 सेंटर पर ये संख्या 375 के करीब रही.

महाराष्ट्र के नागपुर में 55 कैंडिडेट को वैक्सीन दी गई, जिसमें से कुछ को वैक्सीन देने के बाद बुखार की समस्या हुई जो कुछ ही घंटे में ठीक हो गया. उनमें किसी तरह का कोई अन्य लक्षण नहीं दिखा. नागपुर सेंटर ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है, वहीं बेलगाम के सेंटर ने भी अपना पहला ट्रायल पूरा किया, जिसमें सिर्फ चार लोगों ने हिस्सा लिया. अभी पहले फेज़ की रिपोर्ट जमा करना बाकी है, लेकिन दूसरे फेज के लिए कैंडिडेट का तलाशना शुरू हो गया.

देश में इस वक्त तीन वैक्सीन पर अलग-अलग फेज़ में ट्रायल हो रहा है, इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को फेज 2-3 की इजाजत मिल गई है. जल्द ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का भी ट्रायल शुरू होगा. इसके तहत 20 राज्यों के अस्पतालों में ट्रायल हो रहा है, जिसमें ICMR की सलाह पर अलग-अलग हॉटस्पॉट को चुना गया है. Zydus Cadila के द्वारा बनाई गई ZyCOV-D का फेज 1 भी पूरा हो गया है, जबकि दूसरे फेज के लिए 1000 लोगों को चुना जा रहा है.

गौरतलब है कि रूस ने जिस वैक्सीन का दावा किया है उसपर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मसलन कम लोगों पर टेस्ट करना, अलग-अलग साइड इफेक्ट होना और WHO की मंजूरी ना होना, ऐसे में दुनिया को अभी भी भरोसेमंद वैक्सीन का इंतजार है.


Web Title : FIRST PHASE OF VACCINE TRIAL IN THE COUNTRY NEARLY COMPLETE, SECOND PHASE MAY BEGIN IN SEPTEMBER

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