दिल्ली के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि लोकसभा के आगामी चुनाव में यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन नहीं हुआ, तो सूबे की सातों संसदीय सीटें भाजपा की झोली में चली जाएगी. गठबंधन के कारण दिल्ली में कांग्रेस को नुकसान होने की आशंकाओं को खारिज करते हुए माकन ने कहा कि इस चुनाव में हमारी पहली प्राथमिकता भाजपा की शिकस्त सुनिश्चित करना है और दिल्ली में गठबंधन के दम पर ऐसा करना संभव है.
महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन का हवाला देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहां पर उन दोनों दलों का वोट बैंक भी एक ही है, अलग-अलग मुद्दों पर दोनों के बीच मतभेद भी बहुत हैं लेकिन लोकसभा का चुनाव दोनों दल मिलकर लड़ रहे हैं.
उन्होंने गुजरात में हाल ही में संपन्न कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के समापन के अवसर पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के उस वक्तव्य की खास तौर पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने के लिए कांग्रेस हर कुर्बानी करने को तैयार है.
माकन ने इन आशंकाओं को खारिज किया कि दिल्ली में कांग्रेस-आप गठबंधन से कांग्रेस को भविष्य में नुकसान होगा और उसकी हालत यूपी और बिहार जैसी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि जब आप बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ते हैं तो ऐसी सूरत में आपको कोई नुकसान नहीं होता.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस किसी अन्य दल से गठबंधन करने के कारण सत्ता से बाहर नहीं होती, बल्कि देखा यह गया है कि जब वह किसी भी राज्य में तीसरे नंबर पर पहुंच जाती है, तभी उसको सत्ता में वापसी करने में दिक्कतें आई हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही करने का प्रस्ताव है.
कांग्रेस की ओर से गठबंधन पर जोर दिए जाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सही बात तो यह है कि इस गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी ज्यादा आतुर है. उन्होंने कहा कि जहां तक शक्ति ऐप से कार्यकर्ताओं की राय जानने का मामला है तो यह तो लोकतंत्र का तकाजा है कि आप कोई भी निर्णय करने से पहले पार्टी में रायशुमारी करते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि रायशुमारी की बेहतरीन परंपरा शुरू कर उन्होंने कार्यकर्ताओं को ताकतवर बनाया है. पार्टी में वंशवाद के सवाल पर उन्होंने पलटकर पूछा कि किस पार्टी में यह नहीं है. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन द्वारा एकतरफा फैसला करने और कांग्रेस के लिए महज दो सीटें छोड़ने के बाद प्रियंका गांधी की अगुआई में कांग्रेस के अभियान को बिल्कुल दुरुस्त ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कहा है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगी.
जाहिर तौर पर यह एक लंबे समय तक चलने वाला अभियान है. उन्होंने कहा कि जब मायावती ने यह बयान जारी कर दिया कि वह देश भर में कांग्रेस से कहीं भी कोई समझौता नहीं करेंगी तो उसके बाद कांग्रेस भी हाथ पर हाथ धरकर भला कैसी बैठी रह सकती है. उन्होंने दावा किया कि चाहे भाजपा की अगुआई में एनडीए जितना जोर लगा ले लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व यूपीए दलों की जीत निश्चित है.