निपाह वायरस के मरीज़ों का इलाज कर रही नर्स की मौत

कोझिकोड (केरल) के पेरांबूर सहकारी अस्पताल में निपाह वायरस के मरीज़ों का इलाज करने के बाद बीमार पड़ी 3 नर्सों में से एक लिनी पुथुशेरी (31) की सोमवार को मौत हो गई. हालांकि, अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है. गौरतलब है कि निपा वायरस से केरल में 12 लोगों की मौत हो चुकी है.

पुणे के नेशनल वर्गोलॉजी इंस्टीट्यूट ने स्पष्ट किया है कि केरल के कोझिकोडे में संदिग्ध बीमारी से पीड़ित लोग निपाह वायरस से संक्रमित हैं.

ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब इस बीमारी से मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है. रिसर्च वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह वायरस खासकर चमगादड़, सुअर और अन्य जानवरों के माध्यम से फैलता है.

निपाह वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए भारत सरकार ने विशेषज्ञों की एक टीम को केरल भेजा है. ताकि हालात पर समय रहते काबू पाया जा सके.

निपाह वायरस (NiV) से होने वाला संक्रमण एक ऐसा संक्रमण है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. यह वायरस जानवरों और इंसानों में गंभीर किस्म की बीमारी पैदा करता है. इस वायरस का प्रारंभिक स्रोत फल चूसने वाले चमगादड़ हैं.

निपाह वायरस पहली बार 1998 में मलेशिया के कैम्पुंग सुंगाई निपाह में सामने आया था. यहां सुअरों के जरिए इंसनों में वायरस फैला था. चूंकि निपाह नामक जगह में इसकी पहचान हुई इसलिए इस वायरस का नाम निपाह वायरस रखा गया.

दूसरा बार इस वायरस का संक्रमण 2004 बंग्लादेश में सामने आया था. यहां यह बीमारी चमगादड़ों से संक्रमित खजूर खाने से इंसानों में फैली थी.

चूंकि निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ या सुअर से इंसान में फैलती है इसलिए इन जानवरों के सीधे संपर्क में आने से बचें. लोगों की यह भी सलाह है कि वे पेड़ से जमीन पर गिरे फलों का सेवन न करें.




Web Title : NIPAH VIRUS PATIENTS TREATING NURSES DEATH