नई दिल्ली : रेलवे को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली. मथुरा में नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए रेलवे ने 452 पेड़ों को काटने की अपील की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि नई रेलवे लाइन का क्या महत्व है. हम 452 पेड़ों को काटने की अनुमति देते हैं, लेकर इसके लिए शर्तें होंगी. इन पेड़ों के बदले पौधे लगाए जाएंगे और इन पौधों की देखभाल के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के अंदर स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है.
बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नार्थ सेंट्रल रेलवे से सवाल किया था आपको पेड़ क्यों काटने हैं? क्या आप एक वैकल्पिक रास्ता नहीं खोज सकते जहां आपको कम पेड़ काटने पड़ें?
दरअसल, उत्तर मध्य रेलवे ने एक अर्जी दायर कर सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली से मथुरा के बीच चौथी रेलवे लाइन बिछाने के लिए ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (टीटीजेड) में पेड़ काटने की अनुमति मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड क्षेत्र में पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए रेलवे अधिकारियों को बुधवार को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा था. रेलवे ने अपनी दलील में कहा है कि दिल्ली मथुरा रेलमार्ग भारी भीड़भाड़ वाला है. इसलिए इस रूट पर अतिरिक्त रेलवे लाइन बिछाने की जरूरत है.