रेलवे इंजन ब्रेक लगते ही पैदा करने लगेंगे बिजली

नई दिल्ली : भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने रेलवे के लिए अपना पहला 6,000 हॉर्स पावर विद्युत इंजन तैयार किया है. रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैकशन) घनश्याम सिंह ने भेल निर्मित इंजन को उसके झांसी कारखाने से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. बीएचईएल की ओर से तैयार किए गए इस इंजन की खूबी है कि इस इंजन में ब्रेक लगने पर अपने आप बिजली पैदा होती है. इस बिजली को तत्काल प्रयोग भी किया जा सकता है और चाहें तो इसे इंजन के ओवरहेड वायर के जरिए ग्रिड को भी भेजा जा सकता है. इस तरह के इंजनों से रेलवे की बिजली की खपत में काफी कमी आने की उम्मीद है. रेलवे बोर्ड ने भेल को ऐसे 30 विद्युत इंजनों का बड़ा आर्डर दिया है.


इस इंजन में हैं कई सुविधाएं

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की ओर से मेक इन इंडिया मिशन के तहत बनाए जा रहे इस इंजन में ड्राइवरों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है. पहली बार रेलवे के इंजनों में एसी और पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है. यह कंपनी द्वारा विनिर्मित पहला विद्युत इंजन है, जो अत्याधुनिक आईजीबीटी (इंसुलेटेड गेट बाई-पोलर ट्रांजिस्टर) वाले इलेक्ट्रानिक स्विच पर आधारित 3-फेज वाला इंजन है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में विशेष तौर माल गाड़ियों में प्रयोग होने वाले इंजनों में ड्राइवरों की सुविधाओं के लिए कई और इंतजाम किए जाएंगे.


भेल काफी समय से रेलवे के साथ मिल कर रही काम

रेल परिवहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी है. वहीं भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड रेलवे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पिछले छह दशक से भारतीय रेलवे के साथ काम कर रही है और उसकी जरूरतों के मुताबिक विद्युत इंजन और उपकरण बनाती है. भेल अब तक भारतीय रेल को 360 विद्युत इंजनों की आपूर्ति कर चुका है. कंपनी के पास परिवहन क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिये एक केंद्र और भोपाल, झांसी और बेंगलुरू में विनिर्माण सुविधायें हैं. पिछले वर्ष रेलवे की ओर से भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को 146 ईएमयू व एमईएमयू रेलगाड़ियों का ऑर्डर मिला है. इस ऑर्डर की कीमत लगभग 672 करोड़ रुपये है.


Web Title : THE RAILWAY ENGINE WILL GENERATE ELECTRICITY, WHEN IT WILL GET BREAK

Post Tags: