साल 2000 के बाद लोकसभा के मानसून सत्र में इस बार सबसे अधिक हुआ काम

लोकसभा की बैठक आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. मानसून सत्र के दौरान लोकसभा की 17 दिनों की बैठक में कुल 112 घंटे तक कार्यवाही चली और कुल 21 विधेयक पारित किए गए. सन 2000 के बाद इस मानसून सत्र में सबसे ज्यादा कार्यवाही हुई है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज सदन की कार्यवाही अनिश्चतकालीन समय के लिए स्थगित करने से पहले कहा कि यह सत्र हाल ही के पिछले दो सार्थक सत्रों अर्थात बजट सत्र 2017 का दूसरा भाग (11वां सत्र) और 2017 का मानसून सत्र (12वां सत्र) की तुलना में कहीं ज्यादा सार्थक रहा.

सुमित्रा महाजन के मुताबिक इस सत्र के दौरान 17 बैठकें हुईं जो 112 घंटे चलीं. इस दौरान तेदेपा सदस्य श्रीनिवास केसिनेनीर की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को 11 घंटे 46 मिनट की चर्चा चली और मतदान के बाद यह प्रस्ताव गिर गया.

इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय, विधायी एवं अन्य कार्य निपटाए गए. वर्ष 2018-19 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों (सामान्य) एवं वर्ष 2015-16 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगें (सामान्य) पर चार घंटे 46 मिनट से अधिक की चर्चा हुई और इसके बाद इन्हें मतदान के लिए रखा गया एवं संबंधित विनियोग विधेयक पारित किए गए.  

मानसून सत्र में कुल 22 सरकारी विधेयक पेश किए गए. 21 विधेयक पारित किए गए. इनमें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्ज देने संबंधी संविधान (123वां संशोधन) विधेयक-2018 और उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के मद्देनजर लाया गया अनुसूचित जातियां एवं अनुसूचित जनजातियां (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक-2018 प्रमुख हैं.  

इन दो विधेयकों का उल्लेख करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा, ´´इस सत्र में लोकसभा ने समाज कल्याण से जुड़े ऐसे विधेयक पारित किए जिनका समाज के वंचित वर्गों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. जैसे संविधान (123वां संशोधन) विधेयक-2018 के पारित होने से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

इनके अतिरिक्त नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक-2017, भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक-2018, भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक-2018, व्यक्तियों का दुर्व्यवहार (निवारण, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2018, दांडिक विधि (संशोधन) विधेयक-2018 और वाणिज्यिक न्यायालय, उच्च न्यायालय प्रभाग और वाणिज्यिक अपील प्रभाग (संशोधन) विधेयक-2018, राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय 2018 को भी लोकसभा ने मंजूरी प्रदान की.


Web Title : THE YEAR AFTER THE 2000, THIS TIME MOST WORK IN THE MONSOON SESSION OF THE LOK SABHA