खरीदने से पहले डायमंड ज्‍वेलरी की कर लें जांच

एक ब्रांडेड डायमंड ज्‍वेलरी की कंपनी विज्ञापन में आपसे कहती है कि ´हीरा है सदा के लिए´.. . लेकिन अच्‍छा हो यदि आप किसी विज्ञापन पर विश्‍वास करने की जगह खरीददारी के वक्‍त ज्‍वेलरी की जांच खुद कर लें इसके असली-नकली होने का पता आपको खुद चल जाएगा.  

वैसे ब्रांडेड ज्‍वेलरी के नकली होने की संभावना न के बराबर रहती है, लेकिन फिर भी यदि ज्‍वेलर्स इसमें मिलावट कर दे तो आप अपनी परख से खुद को लुटने से बचा तो सकती हैं.

डायमंड की ज्‍वेलरी सदाबहार होते हैं.  इसे पहनने के लिए शादी-ब्‍याह या किसी खास समारोह की जरूरत नहीं है.  

यही वजह है कि आज महिलाएं हों या लड़कियां, उनकी पहली पसंद डायमंड ज्‍वेलरी होती जा रही हैं.  

डायमण्ड लेने देने से एक ओर सोसायटी में साख कायम होती है तो दूसरी ओर आपको फैशन अपडेट भी माना जाता है.  

डायमण्ड पहनने का यह क्रेज ही है कि पूरे सेट से लेकर नोजपिन, इयरपिन, रिंग और ब्रेसलेट का बाजार बढ़ता जा रहा है.

कीमत के लिहाज से ऐसे तो डायमण्ड लाखों में आता है लेकिन आप सीमित बजट के अंदर भी डायमण्ड पहनने की ख्वाइश को पूरा कर सकती हैं.  

लेटेस्‍ट फैशन के नोजपिन की कीमत केवल 2 से 3 हजार के बीच है तो बजट को थोड़ा बढ़ाते हुए 10 से 15 हजार के बीच आप अच्छा सा कोई इयर रिंग सेट भी खरीद सकती हैं.  

तो आज हमारे विशेषज्ञ आपको बता रहे हैं कि डायमण्ड की ज्‍वेलरी खरीदने से पहले आप असली-नकली में फर्क करना अच्‍छी तरह से सीख लें ताकि कोई ज्‍वेलर्स आपको ठग न सके.

ज्वेलरी डिजाइनर राजीव सेन कहते हैं कि शॉपिंग से पहले सबसे अधिक जरूरी है यह जांचना है कि डायमण्ड असली है या नकली.  

ऐसा न हो कि आपने लाखों का आभूषण खरीद लिया और बाद में पता चला कि आपको तो ठग लिया गया है.  

चलिए आपकी इसी शंका को आसान कर देते हैं.  

बताते हैं आपको कुछ ऐसे टिप्स ताकि डायमंड जेवर की शॉपिंग करते समय ही आप जान ले कि यह डायमण्ड असली है कि नकली.

* सबसे पहले तो कोशिश करें कि किसी ब्रांण्डेड शोरूम से ही ज्वेलरी खरीदें. जिसका नाम आप जानते हों.

* डायमण्ड खरीदने के साथ ही वह दुकानदार आपको एक प्रमाण पत्र देता है जो यह प्रमाणित करता है कि यह डायमण्ड असली है.  

उस प्रमाण पत्र में कैरेट से लेकर क्लेरेटी, कट, वजन सभी कुछ दिया होता है.

* यदि आपने 50 हजारे से अधिक का डायमण्ड खरीदा है तो बेहतर होगा कि आप उसका एक बार लैब टेस्ट जरूर करा लें.  

जिससे आपके मन की सभी शंकाए दूर हो जाएं.

* असली डायमण्ड की एक और पहचान है.  

आप अखबार के ऊपर डायमण्ड रखकर अखबार पढ़ने की कोशिश करें. यदि आप हर अक्षर को सही ढंग से पढ़ पा रहें हैं तो इसका मतलब है कि डायमण्ड नकली है.

* एक और तरीका है असली डायमण्ड और नकली के बीच पहचान करने का.  

डायमण्ड को हाथ में लेकर उस पर फूंक मारकर देगें.  

यदि आप ग्लास आदि पर फूंक मारते हैं तो उस पर धुंध सी जम जाती है लेकिन डायमण्ड पर 5 सेकेण्ड से अधिक देर तक यदि यह धुंध जमती है तो समझ लीजिए कि डायमण्ड नकली है.

* आप ग्लास टेस्ट के जरिए भी पता लगा सकते हैं कि आपका डायमण्ड असली है या नकली.  

ग्लास पर डायमण्ड से स्क्रैच कर देखिए. यदि आपका डायमण्ड असली है तो ग्लास पर स्क्रैच पड़ेगा लेकिन डायमण्ड को कुछ नहीं होगा.  

यदि डायमण्ड पर थोड़ा सा भी स्क्रैच पड़ता है तो समझ लीजिए कि खरीदा हुआ डायमण्ड नकली है.

*आमतौर पर डायमण्ड यदि रिफलेक्ट करता है तो ग्रे शेड्स में अधिक करता है.  

यदि उसमें इन्द्रधनुष के समान रंग निकले तो समझ लीजिए कि वह डायमण्ड नहीं है.

Web Title : TEST YOUR DIAMOND BEFORE BUYING