कुछ ऐसे सजाएं बच्चों का कमरा

पूरे आशियाने को सजाना आसान काम है, लेकिन जब बात बच्चों के कमरे की आती है, तो मुश्किल बढ़ जाती है. क्या करें, कौन-सी चीज़ कहां रखें, फर्नीचर कैसा हो जैसी बातें सोचकर आप भी परेशान हो जाती होंगी. आपकी इसी परेशानी को दूर करने के लिए हम बता रहे हैं बच्चों का कमरा सजाने के आसान उपाय.

कैसा हो वॉल डेकोरेशन?

बच्चों का कमरा सजाने में पहली चुनौती होती है वॉल डेकोरेशन यानी आपके लाड़ले/लाड़ली के कमरे की दीवारें कैसी हों. आप यदि बेटी के कमरे की दीवारों के बारे में सोच रही हैं, तो बेहतर होगा कि पिंक कलर का चुनाव करें. आमतौर पर लड़कियों को पिंक कलर ज़्यादा पसंद आता है. लड़कों के लिए ब्लू कलर बेस्ट हैं, क्योंकि उन्हें ब्लू कलर ज़्यादा पसंद आता है.

* सबसे पहले दीवारों को ब्लू या पिंक कलर से अच्छी तरह कलर करवाएं.

* पेंट करवाने के बाद तरह-तरह के वॉल पेपर्स से आप दीवारों को अट्रैक्टिव बना सकती हैं.

* कमरे की ऊपरी छत पर चांद-सितारे या इसी तरह के दूसरे वॉल पेपर का प्रयोग करें.

* कमरे की एक दीवार पर बटरफ्लाई, ट्री, बर्ड्स, जिराफ जैसी आकृतियों वाला वॉल पेपर लगाएं.

* किसी एक दीवार पर बच्चे की पसंद की सीनरी या बच्चे की कुछ स्पेशल फोटोग्राफ्स लगाएं.

कैसा हो बेड?

दीवारों के बाद बारी आती है बेड की. बच्चों के कमरे के लिए बेड का चुनाव करते समय इन बातों का ध्यान रखेंः

* कार, बार्बी डॉल जैसे डिज़ाइन के बेड मार्केट में मिलते हैं. बच्चों के लिए इस तरह के बेड का चुनाव करें. ये आकर्षक दिखते हैं.

* किंग साइज़ बेड की बजाय सिंगल बेड का चुनाव करें. इससे कमरे में बच्चे के लिए ज़्यादा जगह बचेगी.

* ऐसा बेड चुनें जिसमें स्टोरेज की सुविधा हो. इससे बच्चे के कई सामान उसमें आसानी से आ जाएंगे और कमरा बिखरा हुआ नहीं रहेगा.

* एक कमरे में दो बेड रखने की बजाय डबल फ्लोर वाला बेड चुनें. ये कम जगह घेरता है और कमरे को अट्रैक्टिव लुक भी देता है.

* बेड ख़रीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उसके किनारे नुकीले न हों. इससे बच्चों को चोट लग सकती है.

कैसा हो स्टडी टेबल और चेयर?

बच्चे के कमरे में स्पेस का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि कमरा भरा-भरा होने पर बच्चे चिढ़ जाते हैं. अतः बेड की तरह ही स्टडी टेबल और चेयर का चुनाव करते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि वो ज़्यादा जगह न घेरे.

* बच्चों की उम्र के अनुसार ही उनके स्टडी चेयर और टेबल का चुनाव करें.

* स्टडी चेयर और टेबल सिंपल हो, तो ज़्यादा अच्छा रहता है. आप चाहें तो डिज़ाइनर स्टडी चेयर और टेबल का चुनाव भी कर सकती हैं.

* स्टडी चेयर और टेबल ऐसा चुनें जिसमें स्टोरेज की व्यवस्था हो. इससे बच्चों की क़िताबें आदि बिखरी हुई नहीं रहेंगी.

* अटैच्ड स्टडी चेयर और टेबल भी अच्छा विकल्प हो सकता है. ये जगह भी कम घेरता है.

* स्टडी चेयर और टेबल ख़रीदते समय बच्चे की उम्र और हाइट का विशेष ध्यान रखें.

कैसे सिलेक्ट करें कर्टन?

बच्चों के कमरे में वैसे तो कर्टन की कोई ख़ास आवश्यकता नहीं होती, लेकिन बाकी कमरों से तालमेल बिठाने के लिए परदा लगाना ज़रूरी है. बच्चों के कमरे के लिए परदे चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें.

* सिल्क के परदे लगाने से बचें.

* क्रीम, व्हाइट जैसे हल्के रंग के परदों का चुनाव न करें.

* कॉटन के साधारण परदों का चुनाव करें.

* कर्टन एक्सेसरीज़ से बचें. इनकी आवाज़ से बच्चे डिस्टर्ब होते हैं और उसी में उलझे रहते हैं.

* बहुत भारी और एम्ब्रॉयडरी वाले परदे बच्चों के कमरे में न लगाएं. इसमें बच्चों के फंसने और गिरने का डर रहता है.

क्या न करें?

* बच्चों के कमरे की सजावट करते समय अपनी पसंद उन पर न थोपें, नहीं तो वो बच्चों का कमरा लगने की बजाय किसी बड़े का कमरा लगेगा.

* कमरे को लग्ज़ीरियस लुक देने की ग़लती न करें. बच्चे के व्यवहार से आप पूरी तरह वाक़िफ हैं. अतः उसी के अनुसार कमरे को सजाएं.

* बहुत ज़्यादा एक्सेसरीज़, जैसे- वॉल हैंगिंग्स, डोर हैंगिंग्स आदि न लगाएं. बच्चे इन्हें पसंद नहीं करते.

* कमरे को बहुत ज़्यादा सामान से भरने की ग़लती न करें.

* कमरे में बहुत महंगी चीज़ें न रखें. उदाहरण के लिए- महंगे वॉल पेपर्स, कुर्सी-टेबल आदि.

* कमरे में नुकीले फर्नीचर न रखें.

* कमरे में स्विच बोर्ड बच्चों की पहुंच से ऊपर लगवाएं.

* एसी का रिमोट रखने के लिए होल्डर भी बच्चों की पहुंच से ऊपर लगवाएं.

* बच्चों के कमरे में टीवी और कंप्यूटर लगाने की ग़लती न करें.

* प्रेस, हीटर आदि चीज़ें बच्चों के कमरे में न रखें.

Web Title : IN THIS WAY DECORATE THE HOUSE OF KIDS