हवा नहीं हुई साफ तो सुप्रीम कोर्ट ने संभाला मोर्चा, 3 राज्यों को दे दिया ऐसा आदेश

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट  ने सोमवार को पंजाब, दिल्ली  और उत्तर प्रदेश के सचिवों को प्रदूषित हवा से निपटने के लिए निर्देश दिया कि अपने मतभेदों को एक तरफ रखें और एक साथ बैठकर 10 दिनों के अंदर ही अलग-अलग शहरों में एयर प्यूरिफायर टावर  लगाने की योजना बना कर दें. अब सुप्रीम कोर्ट के एयर प्यूरीफायर लगाने के निर्देश देने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर एयर प्यूरीफायर टावर क्या है और ये कैसे काम करता है ?

एयर प्यूरीफायर टावर हवा में मौजूद पाल्यूटेंट को जैसे पीएम 2. 5, नाइट्रेट और सल्फर डाई ऑक्साइड को से हटा करके वातावरण को साफ करता है. एयर प्यूरिफायर टावर सोलर एनर्जी के मदद से काम करता है.

सबसे पहले एयर प्यूरीफायर टावर में बने ग्लासहाउस में प्रदूषित हवा भर जाती है जिसे सोलर एनर्जी की मदद से गर्म किया जाता है. टावर का बेस में ग्रीनहाउस की कोटिंग होती है जिससे सूर्य की कम रोशनी में भी काम करता है. टावर में हवा को साफ करने के लिए फिल्टरों की कई लेयर होती हैं. हवा गर्म होने के बाद हल्की होने की वजह से टावर में ऊपर की तरफ उठती है और टावर में लगे फिल्टर से पास होने के बाद हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट की मात्रा कम हो जाती है. इससे प्रदूषित हवा साफ हो जाती है.

चाइना  के झियान  शहर में दुनिया का सबसे बड़ा एयर प्यूरिफायर टावर है. ये एयर प्यूरिफायर टावर 100 मीटर ऊंचा है. ये एयर प्यूरिफायर टावर हर दिन 1 करोड़ क्यूबिक मीटर तक हवा को साफ करता है. ये टावर 10 किलोमीटर के क्षेत्र की प्रदूषित हवा को साफ करने में सक्षम है. चाइना ने साल 2015 में इस एयर प्यूरिफायर टावर को बनाने का काम शुरु किया था और पिछले साल 2018 में टावर बन के तैयार हो गया.


Web Title : IF THE WIND WAS NOT CLEAR, THE SUPREME COURT TOOK THE FRONT, GAVE IT TO 3 STATES.

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