नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न का मानना है कि आईसीसी विश्व कप के फाइनल (World Cup Final) में बेन स्टोक्स को लगने वाली थ्रो को डेड बॉल दिया जाना चाहिए था. पूर्व स्पिनर शेन वार्न (Shane Warne) की यह राय इसलिए अहम है क्योंकि वे एमसीसी की विश्व क्रिकेट समिति के सदस्य हैं. यह समिति विश्व कप फाइनल में अंपायरों द्वारा उस गेंद पर लिए गए फैसले की समीक्षा भी करेगी. इंग्लैंड (England) को इस विवादित थ्रो से चार रन मिले थे. ये चार रन इंग्लैंड की न्यूजीलैंड पर जीत में निर्णायक साबित हुए थे. फाइनल मैच में 242 रन का पीछा कर रही इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अंतिम ओवर में दो रन दौड़कर लिए थे. दूसरा रन लेने के दौरान फील्डर का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री पार चला गया था, जिससे इंग्लैंड के खाते में चार रन आए थे. मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने साथी अंपायर से बात करने के बाद छह रन इंग्लैंड को दिए थे. इंग्लैंड इससे मैच में वापस आ गई थी. शेन वॉर्न ने कहा, ‘मैं उस समिति में हूं जो इसकी समीक्षा कर रही है. मुझे लगता है कि खेल का कानून बहुत सही है. मैंने सुझाव दिया कि बल्लेबाज के शरीर पर लगते ही गेंद डेड बॉल होनी चाहिए, चाहे वह बाउंड्री पर जाए या नहीं. यह एक डेड बॉल होनी चाहिए और आप दौड़ नहीं सकते. मुझे लगता है कि यही खेल भावना है. ’शेन वार्न आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप को लेकर भी बहुत उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप बहुत पसंद है. आईसीसी ने इसकी अधिक मार्केटिंग की होती और इसके पीछे थोड़ा और पैसा लगाया होता ताकि वे इसे अधिक प्रमोट कर पाते. हां, मुझे यह चीज अच्छी लगी कि इसके कारण सभी टेस्ट मैच महत्वपूर्ण हुए हैं. मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में वे इसे सही कर लेंगे क्योंकि मुझे नहीं लगता कि उन्होंने इस बार इसे पूरी तरह से सही से लागू किया है. ’ शेन वॉर्न ने कहा, ‘मुझे टेस्ट क्रिकेट में नंबरों से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुझे लगता है कि इससे प्रशंसकों के लिए खिलाड़ियों की पहचान करना आसान है. इसलिए मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है. ’