नवरात्री के छ्ठे दिन करें देवी शक्ति के छठे रूप देवी कात्यायनी की आराधना,पूरी होगी हर मनोकामना \

नवरात्र के छठे दिन मां शक्ति के कात्यायनी रूप का पूजन होता है. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है, जो अपने भक्त की हर मुराद पूरी करती हैं. बताया जाता है कत नाम के एक प्रसिद्ध महर्षि थे, उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए. इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे.

इन्होंने भगवती की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी. उनकी इच्छा थी मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें. मां भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली, जिसके बाद से मां का नाम कात्यायनी पड़ा. यह दानवों, असुरों और पापी जीवधारियों का नाश करने वाली देवी भी कहलाती हैं.

अपने सांसारिक स्वरूप में मां कात्यायनी शेर पर सवार रहती हैं. इनकी चार भुजाएं हैं. इनके बांए हाथ में कमल और तलवार है. दाहिने हाथ में स्वस्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है. दुर्गा पूजा के छठे दिन इनके स्वरूप की पूजा की जाती है.

छठे शारदीय नवरात्र 2017 के दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मंदिर में मां कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां की प्रतिमा को तिलक करें. इसके बाद जोत जलाएं, और जोत लेने के लिए गोबर के उपले को जला कर लौंग इलायची का भोग लगाएं. और फिर इस मंत्र का करें जाप 

चन्द्रहासोज्जवलकरा शाईलवरवाहना.

कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी..

नवरात्र के छठे दिन लाल रंग के वस्त्र पहनें. यह रंग शक्ति का प्रतीक होता है.

Web Title : WORSHIP GODDESS KATYAYANI ON SIXTH DAY OF NAVRATRI