हिंदू धर्म में वास्तुशास्त्र को बहुत महत्व दिया गया है. वास्तुशास्त्र को हिंदू परिवारों में लगभग हर वस्तु से जोड़ कर देखा जाता है. खासतौर पर जब बात रसोई की आती है तो वास्तुशास्त्र का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. रसोई की बनावट के साथ-साथ वास्तु की भूमिका रसोई में रखे सामान के लिए भी बहुत बड़ी होती है. जैसे, तवे को कभी उल्टा नहीं रखना चाहिए, चिमटे से आवाज नहीं निकालनी चाहिए आदि. इनके अलावा कई बार आपने यह भी सुना होगा कि चाकू को किसी के हाथ में नहीं देना चाहिए. इससे झगड़े हो जाते हैं.
यह कितना सच है और कितना झूठ इस पर बहस करना तो व्यर्थ है मगर, पंडित दयानंद शास्त्री की माने तो चाकू से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स को यदि माना जाए तो घर में जन,धन और स्वास्थ की हानि से बचा जा सकता है. तो चलिए पंडित दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि वास्तुशास्त्र में चाकू से जुड़ी किन बातों को महत्व दिया गया है.
रसोई में सबसे अधिक यदि किसी बर्तन का इस्तेमाल होता है तो वह चाकू है. दिन भर में चाकू का इस्तेमाल अनेक बार किया जाता है. यदि किचन में चाकू नहीं होगा तो खाना ही नहीं पक सकेगा. वास्तु में इस लिए चाकू के रखने के तरीके को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है. वास्तु में इस बात का उल्लेख मिलता है कि घर में किसी भी वस्तु को जो नोकीली है उसे कभी भी इस तरह नहीं रखना चाहिए कि उसका नोकीला हिस्सा बाहर की ओर नजर आए. ऐसा करने से स्वास्थ की हानि हो सकती है.
यदि इसे सही तरह से इस्तेमाल न किया जाए या फिर उचित प्रकार से रखा न जाए तो यह आपको बहुत हानि पहुंचा सकता है. पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं, ‘कुछ महिलाएं चाकू से सब्जी काटने के बाद उसे दीवार पर टांग देती हैं. बाजार में भी अब डिजाइनर चाकू आने लगे हैं. इन्हें आसानी से दीवार पर टांगा जा सकता है. वास्तु के लिहाज से यदि किसी नोकीले औजार को दीवार में टांग दिया जाए तो वह आपके व्यवहार को सख्त बनाता है. वहीं स्वास्थ के लिहाज से चाकू अगर अचानक से गिर जाए तो चोट भी लग सकती है. ’
अगर आप दीवार पर चाकू या कैंची जैसी नोकीली वस्तुओं को टांगती हैं तो इससे घर में कंगाली भी आती है. आजकल मॉर्डन रसोइयों में ऐसी सुविधा की जाती है कि लंबे बर्तनों, चाकू और कलछी को दीवार पर टांग दिया जाता है. मगर यह अशुभ है. चाकू या कैंची को हमेशा इस प्रकार रखना चाहिए कि उनका नोकीला हिस्सा नजर ही न आए.
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार पांच तत्वों के विध्वंक चक्र में बताया गया है कि धातु लकड़ी को काट डालती है. यानी नष्ट कर देती है. वास्तुशास्त्र में घर का दक्षिण-पूर्व दिशा का क्षेत्र या तत्व लकड़ी बताया गया है. आपको अपने घर की इस दिशा में भूल से भी चाकू या कैंची नहीं रखनी चाहिए. इसे घर में आ रही सकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है.
अगर आप घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में नोकीली वस्तु रखते हैं तो आपकी सारी अभिलाषाओं पर पानी फिर जाता है. इतना ही नहीं आपको धन की हानि भी उठानी पड़ सकती है.
कई लोग घर में तलवार, खंजर और डेकोरेटिव चाकू सजाते हैं और उन्हें दीवार पर टांग देते हैं. मगर, इस तरह की वस्तु आपको हिंसात्मक बनाती हैं. साथ ही यह दुर्भाग्य के द्वार खोलती हैं. फिर भी अगर आप इन वस्तुओं को सजाना चाहती हैं तो आपको घर के पूर्व और दक्षिण पूर्व दिशा में इन्हें रखने से बचना चाहिए क्योंकि इन दिशाओं का तत्व लकड़ी है.
अगर आप चाकू या कैंची को सही दिशा या स्थान पर नहीं रखते तो इससे घर के सदस्यों के बीच हमेशा कलेश रहता है और कभी भी घर में शांति नहीं रह पाती.
वास्तुशास्त्री पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार चाकू को सब्जी काटने के तुरंत बाद ही गैस स्टैंड पर ही रख दे या फिर सब्जी की टोकरी में डाल दें. इससे किसी भी तरह का कोई नुक्सान नहीं होगा और समय पड़ने पर चाकू आसानी से मिल भी जाएगी.