बिहार: पीके पर कांग्रेस के नरम हैं तेवर, कहा- संपर्क करते हैं तो करेंगे बात

पटना : दिल्ली चुनाव परिणाम आने के बाद से बिहार में सियासी हलचल आ गया है. जहां बीजेपी हार के बाद आत्ममंथन में लगी है तो वही कांग्रेस ने हार के कारणों पर गोलमटोल जवाब देना शुरू कर दिया है. जबकि जीतनराम मांझी ने तो इस हार को महागठबंधन की हार न हो कर आरजेडी और कांग्रेस का हार करार दिया है. इन सभी मामलों पर बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने मीडिया से इत्मीनान से बातचीत कर सभी मसले पर जवाब देने की कोशिश की.

बिहार कांग्रेस प्रभारी ने सबसे पहले प्रदेश में कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की अटकलों पर अपनी तरफ से मामला साफ करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हम राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हम दोनों का गठबंधन स्वाभाविक है, सालों से साथ हैं. वहीं महागठबंधन के चेहरे के सवाल पर उन्होंने गोल-मटोल जवाब देना शुरू कर दिया.  


उन्होंने कहा कि ये विचारधारा की लड़ाई है. सही वक्त आने पर सही फैसला लिया जाएगा. फिलहाल गठबंधन के सभी नेता साथ हैं. चुनाव से पहले मौका आएगा तो नाम भी सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता कुछ भी बात कर रहे हैं, उनकी बातों पर विश्वास की जरूरत नहीं है.

प्रशांत किशोर के कांग्रेस से हाथ मिलाने के बात पर उन्होंने कहा कि अभी तक पीके से किसी तरह की बात नहीं हुई है. आनेवाले दिनों में भी बात करने की कोई संभावना नहीं है. भविष्य में क्या होगा, हम कुछ कह नहीं सकते. उन्होंने कहा कि अगर वह कांग्रेस से संपर्क करते हैं, तो हम बात करेंगे, हम सबसे बात करने में विश्वास करते हैं.

वहीं दिल्ली चुनाव परिणाम पर शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जिस उम्मीद के साथ लोगों ने लोकसभा में बीजेपी को वोट दिया था, वह पूरा नहीं हो पाया है. इस वजह से बीजेपी को दिल्ली ने सबक सिखा दिया है. हमलोगों को इस परसेप्शन की वजह से वोट नहीं मिला कि अगर कांग्रेस को देंगे तो बीजेपी आगे निकल जाएगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सीएम की कमजोर कड़ी पकड़ रखी है. अगर कमजोर कड़ी नहीं है तो नीतीश कुमार आरक्षण के मुद्दे पर चुप क्यों हैं. सीएए को लेकर भी नीतीश कुमार का रूख चौकाने वाला रहा है. एक समय आएगा जब नतीश कुमार भी इसके खिलाफ बोलेंगे.

Web Title : BIHAR: CONGRESS IS SOFT ON PK, SAYS HE WILL TALK IF HE CONTACTS

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